आज के समय में महंगाई और रहन-सहन पर बढ़ती ऊंची लागत के कारण लोगों की परचेजिंग पावर में काफी गिरावट आई है. खासकर मेट्रो शहरों में हालत बेहद चिंताजनक हो गई है. रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी, बुनियादी जरूरतों के सामान और सुविधाओं पर बेतहाशा बढ़ता खर्च लोगों की जेब पर भारी असर डाल रहा है. हालांकि, बेंगलुरु के एक इन्वेस्टर ने ऑनलाइन दावा किया है कि वास्तविक मुद्रास्फीति एजुकेशन सेक्टर में हुई है, रियल एस्टेट में नहीं. उन्होंने अपने दावे को मजबूत करने के लिए हैदराबाद में लोअर केजी (एलकेजी) स्कूल फीस में भारी बढ़त पर चिंता जताई है.
30 वर्षों में स्कूल फीस 9 गुना और कॉलेज फीस 20 गुना बढ़ी
दरअसल, माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अविरल भटनागर के दावे ने हलचल मचा दी है. उन्होंने पोस्ट किया कि हैदराबाद में एलकेजी की फीस पहले के 2.3 लाख रुपये सालाना से बढ़कर 3.7 लाख रुपये हो गई है. हालांकि, उन्होंने अपने पोस्ट में स्कूल का जिक्र नहीं किया है. उन्होंने लिखा, "हैदराबाद में एलकेजी की फीस 2.3 लाख से बढ़कर 3.7 लाख हो गई है. यह बढ़त राष्ट्रीय स्तर पर लागू होती है. हम घर की बढ़ती कीमतों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि असल मुद्रास्फीति तो शिक्षा जगत में हुई है. पिछले 30 वर्षों में स्कूल की फीस 9 गुना और कॉलेज की फीस 20 गुना बढ़ गई है. शिक्षा अब सस्ती नहीं रही.''
यहां देखें वायरल पोस्ट:
वायरल पोस्ट पर छिड़ी महंगाई और आंकड़ों की बहस
एक्स पर भटनागर के इस पोस्ट को अब तक करीब दो लाख लोगों ने देखा है. हजारों लोगों ने इसे लाइक और रिपोस्ट भी किया है. वहीं, सोशल मीडिया पर सैकड़ों यूजर्स ने उनके पोस्ट के जरिए शिक्षा की बढ़ती लागत, मुद्रास्फीति और औकात से बाहर हो रही आम जरूरतों के बारे में बहस छेड़ दी. एक यूजर ने लिखा, "भोजन, स्वास्थ्य और शिक्षा पर खर्च किसी भी औसत मिडिल क्लास परिवार के बजट का 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सा होता है. इन तीनों पर सालाना मुद्रास्फीति सालाना 10 से 20 फीसदी तक होती है, लेकिन सरकारी आंकड़े ऐसा नहीं कहेंगे. इस बात को लेकर आप खुद बहुत सचेत रहें.''
मुंबई में आईसीएसई बोर्ड परीक्षा के लिए मनमानी फीस
दूसरे यूजर ने चिंता जताते हुए लिखा. "बोर्ड काउंसिल भी परीक्षा आयोजित करने के लिए फीस ले रहे हैं. हाल ही में मुझे पता चला कि मुंबई का एक प्रमुख स्कूल 10वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए छात्रों से 4500 रुपये फीस ले रहा है. स्टूडेंट से कहा गया था कि यह सब आईसीएसई काउंसिल को दिया जाता है."
तीसरे यूजर ने लिखा, "बिल्कुल सच. आज ही एक स्कूल का दौरा किया. वहां मुझे बताया गया कि फीस में औसतन 10-12 प्रतिशत सालाना बढ़त होती है. इसका मतलब है कि हर सात साल में फीस दोगुनी हो जाएगी. ट्रांसपोर्ट और फूड के साथ एलकेजी की मौजूदा फीस लगभग 3.5 लाख रुपये सालाना है.'' चौथे यूजर ने कमेंट में बताया, "पिछले साल की तुलना में 20 फीसदी फीस बढ़ाने के अलावा स्कूल अपने इनहाउस ड्रेस कोड और किताबों के लिए भी मोटी रकम वसूल रहे हैं."