महिला महावतों की संख्या केरल, असम, कर्नाटक में बढ़ रही है और वे विभिन्न संरक्षण प्रोजेक्ट में कार्यरत हैं. पद्मश्री पार्बती बरुआ देश की पहली महिला महावत हैं, जिन्होंने हाथी संरक्षण में 4 दशकों तक योगदान दिया. राधा लक्ष्मी और रेणुका जैसी महिला महावत भारत में पुरुष प्रभुत्व वाले पेशे में अपनी जगह बना रही हैं.