भारत-रूस संबंधों को लेकर अमेरिका ने फिर से टिप्पणी की है. अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने फिर से कहा है कि अमेरिका नहीं चाहता है कि रक्षा जरूरतों के लिए भारत रूस पर निर्भर रहे. अमेरिकी रक्षा प्रतिष्ठान पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि वाशिंगटन रक्षा जरूरतों के लिए भारत की रूस पर निर्भरता को हतोत्साहित करता है.
पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारत समेत अन्य देशों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं. हम नहीं चाहते कि ये देश रक्षा जरूरतों के लिए रूस पर निर्भर रहें. हम ईमानदारी से इसका विरोध करते हैं.'
प्रेस सचिव ने कहा कि इसके साथ ही भारत के साथ रक्षा साझेदारी को भी अमेरिका महत्व देता है. उन्होंने कहा कि हम साथ-साथ आगे बढ़ने के उपाय तलाश रहे हैं. किर्बी ने कहा, ‘भारत क्षेत्र का एक सुरक्षा प्रदाता है और इस बात को हम महत्व देते हैं.'
यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच अमेरिका की ओर से इस तरह की टिप्पणी पहले भी आ चुकी है. अमेरिका, ब्रिटेन और कई यूरोपीय देश जहां इस युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ प्रतिबंध लगा रहे हैं, वहीं, भारत ने इसपर तटस्थ रुख अपनाया हुआ है.
यूक्रेन के मंत्री ने मांगी भारत की मदद
शुक्रवार को यूक्रेन के एक मंत्री ने भारत से युद्धग्रस्त उनके देश को ‘अधिक सक्रिय रूप से'' समर्थन देने का आग्रह किया. यूक्रेन के संस्कृति एवं सूचना मंत्री ऑलेक्जेंडर त्काचेंको ने कहा कि भारत और यूक्रेन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं.
उन्होंने ‘टाइम्स नेटवर्क इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2022' को ऑनलाइन तरीके से संबोधित करते हुए कहा, ‘क्योंकि यह (भारत) दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक शक्ति है, और मेरा मानना है कि एक स्वतंत्र देश में रहने के अधिकार के लिए यूक्रेन के लोग जिन लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ते हैं, वे भारतीय लोगों द्वारा भी साझा किए जाते हैं. मैं बहुत आभारी रहूंगा यदि भारत युद्ध के इस समय में अधिक सक्रिय रूप से यूक्रेन का समर्थन कर सके.'