तालिबान ने गर्भवती महिला पुलिसकर्मी को परिवार के सामने ही गोलियों से भून डाला

निगारा 6 माह की गर्भवती थी, लेकिन तालिबान लड़ाकों ने जरा भी रहम नहीं दिखाया औऱ उसके पति और बच्चों के सामने उसे गोलियां मार दीं.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
तालिबान के काबुल पर कब्जा कर लेने के बाद महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ीं
काबुल:

तालिबान (Taliban)  के सत्ता पर पकड़ कायम होते ही बर्बर हत्याओं के वाकये सामने आने लगे हैं. अफगानिस्तान के गोर प्रांत में तालिबान लड़ाकों ने गोर प्रांत में एक महिला पुलिसकर्मी (Afghan policewoman) को उसके परिवार के सामने ही गोलियों से भून डाला. एक अफगान पत्रकार ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. पत्रकार ने जानकारी दी कि निगारा 6 माह की गर्भवती थी, लेकिन तालिबान लड़ाकों ने जरा भी रहम नहीं दिखाया औऱ उसके पति और बच्चों के सामने उसे गोलियां मार (Taliban shoots pregnant female policeman) दीं.

पंजशीर में करीब 600 तालिबानी लड़ाके ढेर, तालिबान और विद्रोही गुट में खूनी जंग जारी

हालांकि यह पता नहीं चल पाया है कि महिला पुलिसकर्मी को तालिबान लड़ाकों ने गोली क्यों मारी. वहीं रूसी समाचार एजेंसी स्पूतनिक का कहना है कि तालिबान के भय के कारण महिलाओं के बीच हिजाब औऱ बुर्का खरीदने की होड़ मच गई है. बाजारों में हिजाब औऱ बुर्का खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है. ऐसा ही वाकया 1990 के दशक में तालिबान के कब्जे के बाद देखने को मिला था.  

यह वाकया ऐसे वक्त आया है, जब हेरात में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया था. इन महिलाओं की मांग थी कि युद्धग्रस्त अफगानिस्तान की नई तालिबान सरकार में महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए. साथ ही महिलाओं के लिए पुरुषों के समान अधिकारों (women rights ) की मांग को लेकर भी इन महिलाओं ने आवाज बुलंद की थी. हेरात में महिला प्रदर्शनकारी हाथ में बैनर और तख्तियां लिए हुए थीं. वो देश की राजनीतिक व्यवस्था से महिलाओं को बाहर निकाले जाने का विरोध कर रही थीं. टोलो न्यूज ने यह जानकारी दी थी. 

गौरतलब है कि तालिबान के काबुल की सत्ता पर काबिज होने के बाद विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि पिछले 20 सालों में अफगानिस्तान ने जो प्रगति मानवाधिकारों और महिला अधिकारों के मामलों की है, वो अब कायम नहीं रहेगी. तालिबान के शासन में महिलाओं को अनिश्चित भविष्य का सामना करना होगा.

सुरक्षा और आतंकवाद मामलों के विशेषज्ञ सज्जन गोहेल का कहना है कि महिलाओं के मन में तालिबान को लेकर दहशत है. महिलाओं के लिए यह बेहद दर्दनाक दौर है. तालिबान में नई पीढ़ी को फिर से उसी संकीर्ण मानसिकता वाले दौर में धके दिया गया गया है. तालिबान की क्रूरता की जो कहानियां उन्होंने किताबों में पढ़ी हैं या अपने बड़ों से सुनी हैं, वो अब उनके सामने हैं.

Featured Video Of The Day
Mary Kom ने Child Marriage समाप्त करने के लिए जागरूकता और कार्रवाई का आह्वान किया