बॉबी देओल के आश्रम और मिथिला मखान में नजर आ चुका अनुरिता झा बिहार की छोटी सी जगह से हैं. ऐसे में फिल्मों में काम करने को लेकर वह बेहद आशंकित थी. प्रकाश झा के आश्रम 3 में वह कविता के रोल में दिखी थी. हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में उन्होंने बताया कि आश्रम 3 के सीन को लेकर मैंने फैमिली को पहले ही बता दिया था. मेरे करियर में इस तरह का सीन पहली बार था. मैंने अपने पापा को फोन किया और उनसे कहा, 'पापा ऐसे सीन होंगे, क्या मुझे यह करना चाहिए?' और उन्होंने कहा, 'हां-हां करो, बिंदास करो.
उन्होंने आगे कहा, " हालांकि शूटिंग में कोई दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि प्रकाश झा काफी ख्याल रखते हैं. सेट पर ज्यादा लोग नहीं थे. सीन से पहले मेरी प्रकाश झा सर के साथ बातचीत हुई. कोई डर नहीं था, मैंने चर्चा की, लेकिन मुझे पता नहीं था कि यह शूट कैसे होता है. मैं नहीं चाहती थी कि कोई गलत सीन हो. मैं बिहार से हूं, मेरे परिवार में सब बहुत साधारण हैं और किसी का फिल्मों से कोई संबंध नहीं है. ये बाते मेरे दिमाग में थी.
अनुरिता ने बताया कि उनका परिवार - पिता, भाई और भाभी उनके काम को लेकर काफी सहायक रहे हैं. हमेशा उन्हें अपनी इच्छानुसार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. परिवार साथ हो तो चीजें आसान हो जाती है. इससे पहले मेरे माता-पिता मुझे डांटते थे, जब वे मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में मेरी सुरक्षा के लिए डरते थे. लेकिन अब वे ठीक हैं.
उन्होंने बताया कि 2020 में मैं मनाली गई, वहां लोगों ने मुझे 'कविता पोछेवाली' के रूप में पहचाना. मेरा रोल कुछ ऐसा था कि पूरे दिन फर्श को पोछो. अनुरिता पहली बार अनुराग कश्यप की 2012 की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर में छोटे से रोल में नजर आई थीं.
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