जाटों को मिले आरक्षण से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और जाटों के बड़े नेता अजित सिंह को काफी उम्मीदें हैं। लेकिन वोट बैंक और आरक्षण की राजनीति में पूरा इलाका विकास की रेस में काफी पीछे छूट गया लगता है। सवाल यह है कि क्या जाट लैंड की जरूरत सिर्फ आरक्षण है या फिर दूसरी बुनियादी चीजें भी होनी चाहिए? देखिये एनडीटीवी संवाददाता हिमांशू शेखर की यह रिपोर्ट...