ठीक है कि नौजवान रोज़गार के नाम पर वोट नहीं करते हैं लेकिन ऐसा भी नहीं है कि वे रोज़गार के लिए तैयारी नहीं करते हैं. बेरोज़गारी का एक असर शिक्षा लोन पर पड़ा है. जिन लोगों ने लाखों लोन लेकर इंजीनियरिंग की है, उनकी नींद उड़ी हुई है. नौकरी है नहीं और सर पर लोन का बोझ हो गया है. अब चुनाव भी नहीं है कि कोई शिक्षा लोन माफ करने का अभियान चलाए. सरकारी परीक्षाओं का हाल बुरा है. कोई सरकार इस पर बात नहीं कर रही है. स्टाफ सलेक्शन कमीशन की CGL17 की परीक्षा का रिज़ल्ट अगस्त 2019 के बीत जाने पर भी नहीं आया है. हताश नौजवान 29 अगस्त को ट्रेंड कराने लगे. उसके पहले स्टाफ सलेक्शन कमीशन ने बयान जारी किया था कि नंवबर तक रिज़ल्ट आ जाएगा लेकिन छात्रों को भरोसा नहीं हो रहा है. एसएससी का कहना है कि 2017 की परीक्षा अदालत में फंसी थी तब तक 2018 की परीक्षा शुरू हो गई, इस वजह से देरी हुई. नौजवानों को यह जवाब नहीं जंच रहा है. उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट 9 मई 2019 के अपने फैसले से रोक हटा दी थी. अब तक रिज़ल्ट आ जाना चाहिए था. छात्रों ने ट्विटर पर प्रधानमंत्री से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और जितेंद्र सिंह को भी टैग किया है. यही हाल रेलवे की भर्ती परीक्षा का भी है.