Ek Minute Kavita: चंद्रकांत देवताले की यह कविता 'औरत' सदियों से संघर्ष, प्रेम और प्रतीक्षा को अपने जीवन में ढोते हुए आकाश और धरती के बीच जो स्त्री जाने कब से खड़ी है, ये कविता उसी स्त्री की गाथा है।