शुक्रवार यानी 20 सितंबर को दुनिया के 150 देशों के स्कूल के बच्चों ने जलवायु संकट को लेकर मार्च किया. भारत के भी कई शहरों में मार्च निकाला गया. अयोध्या, आगरा, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, गुवाहाटी, अलीगढ़, अल्मोड़ा, बस्ती, चित्रकूट, दुर्गापुर, गोरखपुर, इच्छापुर, झांसी कानपुर, मधुबनी, मुरादाबाद में भी स्कूली बच्चों ने जलवायु प्रदर्शन के लिए मार्च किया. बच्चों का कहना है कि कोई दूसरा प्लानेट नहीं है. धरती ही है और इसे बचाने के लिए तुरंत उपाय किए जाने चाहिए. 2030 तक कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य ज़ीरो पर लाना होगा. स्वीडन की ग्रैता तुन्बर्ग के फ्राइडे फार फ्यूचर से प्रभावित होकर यह आंदोलन दुनिया भर में फैल गया है. इस प्रदर्शन में शामिल बैनर पोस्टर पर लिखे नारे पढ़ने लायक हैं. जिन बच्चों ने इस रैली में हिस्सा लिया है, वो इतिहास बना गए हैं.