दिल्ली में एक यूनिवर्सिटी है जामिया मिल्लिया. इस यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने वहां हो रहे इंटरनेशनल कांफ्रेस में इजरायल की भागीदारी के खिलाफ प्रदर्शन किया. उनका दावा है कि प्रशासन की तरफ से उन्हें यूनिवर्सिटी की गाड़ी में बिठाकर बाहर निकाल दिया गया. उन्हें कमरे में बंद कर दिया गया. छात्रों ने अपना बयान जारी किया है.. प्रशासन का कहना है कि वे शांति से समझाना चाहते थे मगर छात्र नहीं माने. मेरी राय में कायदे से यूनिवर्सिटी को इन छात्रों को बधाई पत्र लिख कर देना चाहिए कि आपने विरोध में हिस्सा लेकर बहुत अच्छा किया. आपका हर प्रदर्शन भारत के लोकतंत्र को समृद्ध करता है. बकायदा फ्रेम कराकर देना चाहिए ताकि छात्र अपने घरों में टांग सकें. मगर होता उल्टा है. मेरी राय में यूनिवर्सिटी लाइफ में जो छात्र प्रदर्शन में हिस्सा ले, उसे अलग से पांच नंबर मिले और जो न ले उसके पांच नंबर काट लिए जाने चाहिए.