मुर्शिदाबाद में हिंसा के जो लोग शिकार हुए, जिन्हें अपने घरों में ही डर लगने लगा है। कई परिवारों ने तो अपने घरों तक को छोड़ दिया है। हर गुजरती रात लोगों को यही सोचने पर मजबूर करती है "क्या हम सच में सुरक्षित हैं? लोगों की बेबसी और पीड़ा कैसी है..कैसे वो एक लाचार जिंदगी जी रहे हैं..इसको समझने के लिए देखिए NDTV की टीम मालदा के रिफ्यूजी कैंप पहुंची जहां लोगों ने अपनी बेबसी सुनाई