कहानी अच्छी है, बस विवाद इसे लेकर है कि कहानी सच्ची है या नहीं है क्योंकि चुनाव आयोग ने जो सफाई दी है, वो कहानी जैसी है. अब कहां कोई चुनाव ऐसा गुज़रता है, जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर कोई घटना न हो जाए, कोई अफवाह न फैल जाए. अमेरिका में ट्रंप ने चुनावों में धांधली के खूब आरोप लगाए लेकिन वहां की व्यवस्था की साख ऐसी थी कि जनता और सुप्रीम कोर्ट को यकीन नहीं हुआ, लेकिन सोचिए अगर अमेरिका में पोस्टल बैलेट बाइडन के समर्थक की गाड़ी से या ट्रंप के समर्थक की गाड़ी से बरामद हो जाता तब क्या होगा. असम के करीमगंज में बीजेपी के विधायक की कार से ईवीएम बरामद होती है. उस कार में पोलिंग पार्टी बैठी मिलती है. लोग उस कार को घेर लेते हैं. इतनी कहानी तो ठीक थी लेकिन जब चुनाव आयोग का जवाब आता है, तब कहानी कुछ और बन जाती है.