Liquor Ban in Bihar: Patna High Court की डांट के बाद भी बिहार में एक और कांड

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  • प्रकाशित: नवम्बर 15, 2024

सभ्य और सुसंस्कत समाज में शराब की कोई जगह न तो होती है और न ही दी जाती है. इसीलिए हर मां-बाप अपने बच्चों को शराब से दूर रहने की सलाह देते हैं. इस पर पाबंदी अगर लगे, तो इसका जाहिर तौर पर स्वागत होना चाहिए. लेकिन, शराबबंदी कर चुके बिहार में ऐसा लग रहा है कि सब उल्टा हो रहा है. राज्य में शराबबंदी के बावजूद लोग जहरीली शराब पीकर हमेशा के लिए मौत की नींद सो रहे हैं. अब तो पटना हाईकोर्ट ने भी कह दिया है कि शराबबंदी 'गरीबों के लिए' मुसीबत बन गई है.

पटना हाईकोर्ट ने एक पुलिस अधिकारी के केस में फैसला सुनाते हुए कहा, "राज्‍य सरकार ने 2016 में शराबबंदी की, तो उसके पीछे सही मकसद था. सरकार की कोशिश थी कि लोगों का जीवन स्‍तर सुधारे. स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े, लेकिन कुछ वजहों से अब इसको इतिहास में बुरे निर्णय के रूप में देखा जा रहा है."

 

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