किस्मत जब किसी पर मेहरबान होती है तो वह एक झटके में ही रंक से राजा बन जाता है. ऐसा ही कुछ पन्ना में मजदूरी करने वाले मोतीलाल प्रजापति के साथ हुआ. पन्ना में पट्टा लेकर हीरे की उथली खदान खोद रहे मोतीलाल को खदान से निकली कंकड़ युक्त चाल (ग्रेवल) को टोकरी में धोकर सुखाने के लिए जमीन पर पलटा तो अचानक तेज चमकदार पत्थर की रोशनी से उनकी आंखें चौंधिया गई. मोतीलाल के हाथ लगा था डेढ़ करोड़ का नायाब हीरा.