देश का साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ता जा रहा है. सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है? माहौल ख़राब करने वालों की तो हमेशा कोशिश रहती है कि ऐसी हरकतों के ज़रिए उनकी सियासत चमके. लेकिन ऐसे हालात पर लगाम कसने के लिए क़ानून हैं और क़ानून को लागू करने वाला प्रशासन है... और पुलिस है. क़ानून और पुलिस के डर से ही अमन और सुकून क़ायम रहता है. लेकिन जब क़ानून के रखवाले ही अपनी आंखें मूंद ले...तो नफ़रत फैलाने वाले अपनी दुकान क्यों नहीं चलाएंगे.