किसानों ने 26 जनवरी को बुलाई गई ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा पर अफसोस जाहिर किया है. किसान नेताओं ने कहा कि इस हिंसा से उनका कोई लेनादेना नहीं है. घटना के बाद किसानों ने 1 फरवरी को बुलाए गए संसद मार्च को रद्द कर दिया है. किसानों ने आगे की रणनीति पर चर्चा के लिए आज सिंघु बॉर्डर पर बैठक बुलाई है. दूसरी ओर सभी बॉर्डर पर पुलिस ने जवानों की तैनाती बढ़ा दी है. अर्द्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है.