आज हम चर्चा करने वाले हैं बूस्टर डोज की. जर्मनी ने अपने यहां उम्र दराज लोगों को और ऐसे लोगों को जिन्हें कोविड का खतरा ज्यादा है, उन्हें बूस्टर डोज लगाने की बात कही है. इसके अलावा कुछ और देश भी हैं, जहां बूस्टर डोज लगाई जाएगी. इजरायल में भी ये बात कही जा रही है कि सीनियर सिटिजन को बूस्टर डोज लगाई जाएगी. अब सवाल यहां ये उठता है कि ये बूस्टर डोज जरूरी क्यों है? 180 दिन के बाद कहते हैं कि आपके अंदर एंटीबॉडी का लेवल गिरने लग जाता है. अगर ऐसा है तो हमारे भी 180 दिन गुजर चुके हैं, जब वैक्सीनेशन का पहला चरण था, जिसमें हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइन वर्कर्स शामिल किया गया था. अब यहां सवाल उठता है क्या भारत में भी बूस्टर डोज की शुरुआत होनी चाहिए?