भारत के जिन बड़े शहरों में 2020 तक भूमिगत जल ख़त्म होने की आशंक जताई गई है. उनमें से एक चेन्नई भी है और इसीलिए चेन्नई में लोगों को ये बात अब समझ में आ रही है कि अगर पानी का संरक्षण और बचत नहीं किया. तो भविष्य में उन्हें प्यासा रहना पड़ेगा. इसी का ख़्याल कर चेन्नई में पानी बचाने का नया अभियान शुरू हो गया है. सीवेज के पानी की रीसाइक्लिंग के जरिए बचत की जा रही है, इस पानी का इस्तेमाल शौचालयों में किया जा रहा है. वहीं होटलों में भी पानी की खपत पर भी लगाम लगाई जा रही है.