उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की जमीनों से अवैध कब्जा हटाने के लिए अस्थाई ट्रिब्यूनल का होगा गठन

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि पहले गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक अस्थाई ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा और जमीनों पर जिन्होंने कब्जा कर रखा है उनसे छुड़वाएगा.

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देहरादून:

उत्तराखंड में जल्द ही वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर से अतिक्रमण हटाने का काम शुरू किया जाएगा. वक्फ बोर्ड अगले महीने से इस अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू करेगा. इसके लिए ट्रिब्यूनल का गठन भी जल्द किया जाएगा. गढ़वाल और कुमाऊं में एक अस्थाई ट्रिब्यूनल बनाया जाएगा.

केंद्र का वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ईद के बाद लाए जाने की संभावना है, लेकिन उससे पहले उत्तराखंड में वक्फ अपनी जमीनों पर से अवैध कब्जा हटा रहा है. बताया गया है कि प्रदेश में बोर्ड की हजारों बीघा जमीन पर अवैध कब्जे हैं, जिनपर दुकान, रिजॉर्ट, मकान, मदरसे और बड़ी-बड़ी इमारतें बनाई गई है.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने एनडीटीवी से कहा कि जब केंद्र सरकार का वक्फ संशोधन विधेयक पास हो जाएगा, तब उत्तराखंड के स्थाई ट्रिब्यूनल को भी समाप्त कर दिया जाएगा, लेकिन उससे पहले गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में एक अस्थाई ट्रिब्यूनल का गठन किया जा रहा है, जो राज्य में वक्फ की जमीनों पर जिन्होंने कब्जा कर रखा है उनसे छुड़वाएगा. बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि हजारों बीघा जमीन पर कब्जा जमाए लोगों पर एक्शन लिया जाएगा. जैसे ही ट्रिब्यूनल का गठन होता है, अगले महीने से कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी.

शादाब शम्स के मुताबिक इस अस्थाई ट्रिब्यूनल में जिला जज सरकार की तरफ से और सीनियर एडवोकेट वक्फ बोर्ड की तरफ से वकील रहेंगे. उनके मुताबिक मौजूदा समय में कई ऐसी संपत्तियां हैं, जहां बोर्ड को महीने का किराया मात्र 20 से 25 रुपये आता है. कई लोग लंबे समय से इन संपत्तियों पर रह रहे हैं, लेकिन दूसरों को किराए पर देकर ज्यादा पैसे कमा रहे हैं

उत्तराखंड की वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कलियर में अतिक्रमण कर कई मकान बनाए गए हैं. इसके अलावा देहरादून में भगत सिंह कॉलोनी में 100 बीघा और आजाद कॉलोनी में 17 बीघा जमीन पर कब्जा है. साथ ही नैनीताल के रामगढ़ क्षेत्र में भी बोर्ड की जमीन पर कब्जा है.

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