पश्चिमी देशों ने रूसी तेल पर प्रतिबंध नहीं लगाए हैं, बल्कि इसपर प्राइस कैप लगाया है, जिसका भारत पालन करता है. रूस से सबसे अधिक तेल चीन खरीदता है, भारत इसका प्रमुख खरीदार नहीं है, यूरोपीय संघ और तुर्की भी खरीदारी करते हैं भारत रूस से रिफाइन किया हुआ पेट्रोलियम उत्पाद नहीं खरीदता, जबकि तुर्की, चीन और ब्राजील इसके बड़े खरीदार हैं.