UP Assembly polls 2022: आबादी और सीटों के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh)में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव हैं. चुनाव के नजदीक आते ही पार्टियां जातीय समीकरण बैठा रही हैं. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और उत्तराखंड की पूर्व गवर्नर बेबी रानी मौर्य (Baby Rani Maurya)के नाम के आगे, पार्टी के सारे बैनरों में “जाटव” भी लिखा जा रहा है जो अब तक कभी नहीं लिखा गया. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी “जाटव” समाज से हैं.बेबी रानी मौर्य से जाटव सम्मेलन कराए जा रहे हैं. मंगलवार को बेबी रानी मौर्य का मेरठ में कार्यक्रम था. इस मौके पर NDTV ने बेबी रानी से बात की.
अपने नाम के आगे “जाटव” लिखने संबंधी सवाल पर बेबी रानी ने कहा, 'मैं जाटव हूं इसलिए लिख रही हूं. अब तक इसलिए नहीं लिखा क्योंकि यूपी में मौर्य OBC भी लिखते हैं लेकिन अब चुनाव हैं तो “जाटव” लिख रही हूं राजनीति में जाति तो ज़रूरी है.' उन्होंने कहा, 'मैं यूपी में आई हूं तो राजनीति करूंगी. तीन साल गवर्नर भी रही पर मेरा मन नहीं लग रहा था. ऐसे में मैंने ही कहा कि मैं राजनीति करना चाहती हूं.जाटव समाज को बता रही हूं कि बीजेपी में भी उनकी आवाज़ है. उन्होंने कहा,' मैं मायावती जी (बीएसपी सुप्रीमो )के बारे में कुछ नहीं कहूंगी. बस यही कहूंगी कि उन्होंने दलित समाज के लिए कुछ नहीं किया. मैंने सबसे कहा है कि ग़रीब और दलित समाज के लोग मुझसे जुड़ें. जो भी काम या समस्याएं हैं, मुझे बताएं. मैं अधिकारियों से काम कराऊंगी.'
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