इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने पंचायत चुनाव में 135 शिक्षकों की मौत की खबर पर राज्य सरकार (Uttar Pradesh Govt) से जवाब तलब किया है. एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग और पुलिस, दोनों पंचायत चुनाव में COVID-19 गाइडलाइन्स का पालन कराने में नाकाम रहे हैं. चुनाव आयोग (EC) अदालत में हाजिर होकर इसका जवाब दे और अगर अगले मतदान में ऐसा फिर हुआ तो जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई होगी.
अदालत ने कहा कि यह सच है कि कोरोना के मामलों में कमी आने पर सरकार इससे बेपरवाह हो गई और पंचायत चुनाव जैसे दूसरे कामों में लग गई. अगर वक्त रहते इंतजाम किया होता तो वह इससे बचने को तैयार होती. अगर आपने अपनी लापरवाही से लोगों को मरने दिया तो आपकी अगली पीढ़ी आपको माफ नहीं करेगी.
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अदालत ने कहा कि सरकार को "या तो मेरी चलेगी वरना किसी की नहीं" वाला रवैया छोड़ना होगा और दूसरों की राय को भी अहमियत देनी होगी. अदालत ने कहा कि ऑक्सीजन,दवा और बेड सबकी किल्लत है. नकली इंजेक्शन बिकने की खबरें छप रही हैं और कई व्यापारी आपदा में नोट कमा रहे हैं.
अदालत ने आदेश दिया कि सरकार कोविड से हुई मौतों के आंकड़े हर जिले में जिला जज के चुने गए ज्यूडिशियल अफसर को दे और सही आंकड़े पेश करे. अदालत ने कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, कानपुर, मेरठ, नोएडा, गोरखपुर और झांसी में हर लेवल के अस्पतालों, ऑक्सीजन, वेंटीलेटर और दवाओं के स्टॉक के बारे में बताएं. अदालत ने 2 मई को अगली सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है.
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