India | Reported by: भाषा |बुधवार मार्च 11, 2020 09:29 PM IST न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और पोंगीअप्पन की पीठ ने नलिनी के वकीलों की उस दलील को खारिज कर दिया कि राज्यपाल की मंजूरी अनिवार्य नहीं है और याचिकाकर्ता को मंत्रिमंडल द्वारा दी गई सलाह के आधार पर उसे रिहा किया जा सकता है. नलिनी ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में दावा किया था कि राज्य मंत्रिमंडल द्वारा नौ सितंबर 2018 को की गई उसकी रिहाई की सिफारिश पर अमल करने में चूंकि राज्यापाल नाकाम रहे हैं, इसलिए वह अवैध हिरासत में है.