India | Reported by: अजय सिंह, Edited by: मानस मिश्रा |शनिवार मई 4, 2019 07:46 AM IST बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही और गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार बने तेज बहादुर फौजी का वाराणसी (Varanasi) से नामांकन रद्द होने के बाद भले ही लोगों को लग रहा हो कि अब पीएम मोदी (PM Modi) के सामने चुनौती ख़त्म हो गई है लेकिन ऐसा वास्तव में नहीं है. इस बार 2014 जैसे हालात नहीं है. 2014 से अब बिलकुल अलग हालात हैं. पिछले चुनाव में जब पीएम मोदी यहां आए तो लोगों को उनसे उम्मीदें थीं लेकिन अब पांच साल बाद कुछ ऐसे भी लोगों का सामना करना पड़ेगा जो उनके कामकाज से खुश नहीं है. काशी के लोगों को उनसे बड़ी उम्मीदें थीं. पीएम मोदी ने भी उनके इन सपनो को बहुत बड़ा किया था.