Blogs | रतन मणिलाल |सोमवार जनवरी 16, 2017 09:48 PM IST क्या ‘साइकिल’ चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव फिर से चुनावी रेस में आगे आ सकते हैं? क्या उनके ऊपर अपने पिता मुलायम सिंह यादव की पार्टी और उनके चुनाव चिन्ह पर कब्जा कर लेने का आरोप उन्हें नुकसान पहुंचाएगा? और क्या अब अखिलेश एक भावनात्मक अपील करते हुए अपने पिता से यह कहेंगे कि पार्टी तो मुलायम की ही है, और तीन महीने बाद – फिर से सत्ता हासिल करके – वे (मुलायम) ही फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे?