'किसानों की आमदनी'

- 23 न्यूज़ रिजल्ट्स
  • Business | Reported by: भाषा |बुधवार जून 7, 2023 04:04 PM IST
    सरकार ने 2023-24 फसल वर्ष (जुलाई-जून) के लिए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की घोषणा की है. इस कदम का मकसद किसानों को धान की खेती के लिए प्रोत्साहन देना और उनकी आमदनी बढ़ाना है. 
  • India | Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: चंदन वत्स |मंगलवार अक्टूबर 11, 2022 04:39 PM IST
    केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज इथेनॉल से चलने वाली कार के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की. ये सस्ता इथेनॉल प्रदूषण की समस्या से लेकर किसानों की आमदनी भी बढ़ा सकती है.
  • Blogs | रवीश कुमार |मंगलवार अगस्त 31, 2021 01:19 AM IST
    सिर्फ चार महीने बचे हैं 2021 के. उसके बाद 2022 का वह साल आएगा जिसका इंतज़ार 5 साल से हो रहा है. 2016 में मोदी सरकार ने कहा था कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी हो जाएगी. कहां तो सरकार और किसानों को चार महीने बाद दोगुनी होने वाली आमदनी के हिसाब लगाने में व्यस्त होना चाहिए, इंडिया गेट में एक घड़ी लगी होनी चाहिए जिस पर हर दिन की कमाई का काउंटर बताया जाता हो कि आज किसानों की आमदनी इतनी हो गई है. 31 दिसंबर 2021 की रात 12 बजते ही किसानों की कमाई इतनी हो जाएगी. लेकिन इसकी जगह किसानों पर लाठियां बरसने लगती हैं. उनके सर और पांव पर पुलिस की लाठी की गिनती होने लगती है.
  • India | Reported by: नेहाल किदवई, Edited by: नवीन कुमार |शनिवार दिसम्बर 12, 2020 11:07 AM IST
    कर्नाटक में 163 एपीएमसी यार्डस है, जिनसे सरकार को भी हर साल लगभग 600 करोड़ रुपये की आमदनी होती है. यार्डस में व्यापार काम होगा तो ये आमदनी भी कम होगी और यहां कुली परिवहन खाता बही और व्यापारी के तौर पर जुड़े लगभग ढाई लाख लोगों के रोजगार पर संकट छाएगा.
  • India | Reported by: भाषा |बुधवार दिसम्बर 2, 2020 06:08 PM IST
    कुमार ने कहा कि सरकार ने इस समय का इस्तेमाल कई संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने में किया है तथा कई सुधार अभी पाइपलाइन में हैं. कोविड-19 महामारी का आर्थिक गतिविधियों पर काफी अधिक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. यह पूरी तरह से प्राकृतिक आपदा के समान है और इसका नियमित आर्थिक चक्र से संबंध नहीं है.
  • Blogs | रवीश कुमार |शुक्रवार सितम्बर 25, 2020 09:08 AM IST
    एक और सपना अभी तक बेचा जा रहा है. 2022-23 में किसानों की आमदनी दुगनी होगी. लेकिन यही नहीं बताया जाता है कि अभी कितनी आमदनी है और 2022 में कितनी हो जाएगी. कई जानकारों ने लिखा है कि किसानों की सालाना औसत आमदनी का डेटा आना बंद हो गया है. हैं न कमाल. पर डेटा बीच-बीच में फाइलों से फिसल कर आ ही जाता है.
  • India | Reported by: भाषा |शनिवार फ़रवरी 1, 2020 01:03 PM IST
    Budget 2020: सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि इस योजना से किसानों की डीजल और केरोसिन तेल पर निर्भरता घटी है और वे सौर ऊर्जा से जुड़े हैं. इस योजना से किसान सौर ऊर्जा उत्पादन करने और उसे ग्रिड को बेचने में सक्षम हुए हैं. उन्होंने कहा कि किसान अपनी बंजर जमीन पर सौर ऊर्जा पैदा कर आमदनी भी कमा सकेंगे
  • MP-Chhattisgarh | Reported by: IANS, Edited by: मानस मिश्रा |सोमवार अगस्त 12, 2019 09:45 AM IST
    मध्यप्रदेश में उद्यानिकी फसलों के जरिए किसानों की आमदनी बढ़ाने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रयास तेज कर दिए हैं. इसी क्रम में अगले एक साल में एक हजार एकड़ और पांच साल में दस हजार एकड़ में अल्ट्राहाइडेंसिटी के आम और संतरे का पौधरोपण किया जाएगा. इससे अगले तीन साल में प्रतिवर्ष प्रति एकड़ किसानों को एक से डेढ़ लाख रुपये की शुद्ध आय होगी. मुख्यमंत्री कमलनाथ की शनिवार को संतरे और आम के पौधों के रोपण के मुद्दे पर कोका कोला कंपनी और जैन इरीगेशन कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देकर किसानों की आय दोगुनी की जा सकेगी. इसके लिए जरूरी है कि निजी क्षेत्र के सहयोग से ऐसे क्षेत्रों को चिन्हित करें, जहां पर उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जा सकता है. 
  • India | ख़बर न्यूज़ डेस्क |सोमवार मार्च 11, 2019 11:16 PM IST
    इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार जैसे सदाबहार मुद्दे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में मायूसी जिसमें किसानों की आमदनी में कमी और कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर का मुंह के बल गिरना बड़ा मुद्दा रहेगा. इस बार चुनाव में ध्रुवीकरण भी एक मुद्दा है क्योंकि हिंदुत्व का कार्ड चलने में कोई पीछे नहीं है. उधर, हिंदी पट्टी में जातिवाद के आधार पर टिकट बांटना और उसी हिसाब से वोट डालने का सिलसिला रुकता नहीं दिखता. एक मुददा गौरक्षा का भी है.
  • Blogs | रवीश कुमार |सोमवार मार्च 11, 2019 01:41 PM IST
    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी इस असफलता को आतंकवाद और राष्ट्रवाद के जोशीले नारों से ढंकने की कोशिश में हैं मगर पांच साल में उस जगह को बर्बाद किया है जहां से किसान आता है और सेना के लिए जवान आता है. इसके बाद भी अगर चैनलों के सर्वे में मोदी की लोकप्रियता 100 में 60 और 70 के स्केल को छू रही है तो इसका मतलब है कि लोग वाकई अपनी आमदनी गंवा कर इस सरकार से बेहद ख़ुश हैं. यह एक नया राजनीतिक बदलाव है.
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