Blogs | बुधवार अगस्त 12, 2015 06:12 PM IST इस लेख को वे न पढ़ें जो ट्रैफिक जाम से त्रस्त हो जाते हैं। इस लेख को वे भी न पढ़ें जो अभी तक यह स्वीकार नहीं कर सकें हैं कि ट्रैफिक जाम शहर नहीं मुल्क की आत्मा है। इस लेख को वे भी न पढ़ें जो ट्रैफिक जाम के कारण रास्ते बदल लेते हैं।