India | एनडीटीवी |शनिवार जुलाई 20, 2019 12:20 AM IST राज्यपाल के दो-दो बार समय और तारीख़ तय कर देने के बावजूद कर्नाटक विधानसभा में अब तक विश्वास मत नहीं हो पाया है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त का आरोप लगा रहे हैं. अब जेडीएस कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं. मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बड़े भाई किसी ज्योतिषी के कहने पर इन दिनों ख़ाली पांव विधानसभा आते हैं- इस उम्मीद में कि इससे उनके भाई की सरकार बच जाएगी. उधर सरकार बचाने में जुटे कुमारस्वामी ने राज्यपाल वजूभाई वाला की दी हुई दूसरी तारीख भी नाकाम कर दी. राजयपाल वजू भाई वाला ने पहले कहा था कि गुरुवार डेढ़ बजे तक विश्वास मत हो जाए, फिर शुक्रवार का समय दिया. ये भी बताया कि उनके पास विधायकों की ख़रीद-फ़रोख़्त की शिकायत पहुंच रही है. उधर जेडीएस ने सदन में बीजेपी पर 2 गंभीर आरोप लगाए. जेडीएस विधायक श्रीनिवास गौड़ा ने आरोप लगाया कि बीजेपी के 2 विधायकों ने उन्हें पाला बदलने के लिए 5 करोड़ रुपये उनके घर पहुंचाए. पर्यटन मंत्री सारा महेश ने कहा कि जेडीएस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ ने उन्हें 30 करोड़ के ऑफर की बात कही. इस बीच प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष देश गुण्डु राव और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है. गुण्डु राव की अपील व्हिप पर लगी शर्तिया रोक पर है और कुमारस्वामी ने राज्यपाल के हस्तक्षेप पर सवाल उठाए हैं. कर्नाटक के राज्यपाल वाजु भाईवाला पर बीजेपी नेता फ्लोर टेस्ट के लिए दबाव बनाते रहे और राज्यपाल नई नई समय सीमा तय करते रहे. सवाल एक बार फिर नए सिरे से उठ खड़ा हुआ है कि राज्यपाल का ऐसे मामलों में हस्तछेप का अधिकार है या नहीं. कर्नाटक सरकार की तरफ से दलील दी गई कि 1999 में वाजपेयी जी सरकार को लेकर बहस और वोटिंग 10 दिन चली जबकि कर्नाटक समेत दूसरे कई राज्यों में 4 दिनों से ज्यादा. ऐसे में इस बार जल्दबाजी किस बात की. फिलहाल विधानसभा सोमवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है.