File Facts | ख़बर न्यूज़ डेस्क |मंगलवार सितम्बर 4, 2018 12:21 PM IST चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा दो अक्टूबर को रिटायर होने जा रहे हैं. उन्होंने जस्टिस रंजन गोगोई का नाम अगले CJI के लिए केंद्र सरकार को भेजा है. जस्टिस दीपक मिश्रा ने 14 फरवरी 1977 को उड़ीसा हाई कोर्ट में वकालत की प्रैक्टिस शुरू की थी. इसके बाद 1996 में उन्हें उड़ीसा हाई कोर्ट का एडिशनल जज बनाया गया और बाद में उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट कर दिया गया. इसके बाद वे दिसंबर 2009 में पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बने. 24 मई 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट में बतौर चीफ जस्टिस उनका ट्रांसफर हुआ और 10 अक्टूबर 2011 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. पिछले साल 28 अगस्त को उन्होंने बतौर चीफ जस्टिस कार्यभार ग्रहण किया. सुप्रीम कोर्ट में अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक फैसले सुनाये. बहुचर्चित निर्भया कांड में दोषियों की सजा को बरकरार रखने का उनका फैसला लैंडमार्क माना गया. तो वहीं आतंकी याकूब मेमन की फांसी से ऐन पहले आधी रात को सुनवाई की और सजा बरकरार रखी. आइये आपको चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के ऐसे ही पांच ऐतिहासिक फैसलों के बारे में बताते हैं.