'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में इस साल भिड़े गणपति बाप्पा का स्वागत नहीं करेंगे. भिड़े के इस फैसले ने गोकुलधाम सोसाइटी को हैरान और चकित किया है. लेकिन भिड़े ने इतना कठोर निर्णय क्यों लिया है? दरअसल पिछली रात भिड़े के सपने में गणपति बाप्पा आकर उनसे इस साल उन्हें लेने आने को इंकार करते है और कहते है कि वह खुद सोसाइटी में पधारेंगे. गणपति बाप्पा के यह संकेत से भिड़े डर जाते है और गोकुलधामवासियों से सलाह-मशविरा करते हैं. अंतिम चर्चा के बाद सभी इस सपने को केवल एक भ्रम समझकर हर साल की तरह इस साल भी गणपति बाप्पा का उसी तरह धूमधाम से स्वागत करने का तय करते हैं.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में आखिरकार गणपति बाप्पा के आगमन का दिन आता है और सभी गोकुलधामवासी तैयार होकर सोसाइटी कम्पाउंड में इकट्ठा हो जाते हैं. गणेशजी के स्वागत के लिए गोकुलधामवासियों ने ढोल नगाड़ों का प्रबंध किया है. लेकिन ऐन वक़्त पर ढोल फट जाता है और साथ ही तूफानी बारिश भी शुरू होती है. भिड़े को यह सब अपशकुन लगने लगता है और उसके बाद उनका डर और भी ज्यादा बढ़ गया है.
'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में देखा गया है कि गणेशोत्सव भिड़े के लिए पसंदीदा त्योहारों में से एक है जिसके लिए वह हर साल बड़े ही उत्सुकता से प्रतीक्षा करता है. क्या यह घटनाएं भिड़े को इस साल के गणेशोत्सव से वंचित रखने वाली हैं? क्या यह साल गोकुलधाम सोसाइटी भिड़े के बगैर गणपति बाप्पा का स्वागत करेगी या नहीं, यह देखना काफी दिलचस्प होगा.
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