TikTok Viral Video: होली (Holi 2020) के मौके पर टिकटॉक वीडियो ने मचाई धूम
खास बातें
- होली के मौके पर वायरल हुए ये वीडियो
- टिकटॉक वीडियो ने मचाई धूम
- इंटरनेट पर खूब पसंद किया जा रहा वीडियो
नई दिल्ली: TikTok Viral Video: होली का त्योहार (Holi 2020) आने में सिर्फ कुछ ही दिन बचा है. ऐसे में पूरे देश के लोग खासे उत्साहित हैं. होली के मौके पर कलाकार अपने नए-नए सॉन्ग दर्शकों के सामने लेकर आ रहे हैं. इस मौके पर होली के टिकटॉक वीडियो (TikTok Video) भी जमकर वायरल हो रहे हैं. इन वीडियो को सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है. इन वीडियो में कॉमेडी, डांस, गाना तीनों का कॉकटेल हैं. होली के मौके पर बनाया गए इन टिकटॉक वीडियो (TikTok Viral Video) की धूम मची हुई है. इस खास मौके पर हम लेकर आए हैं 5 धमाकेदार होली टिकटॉक वीडियो...
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हिन्दुओं के लिए होली का विशेष महत्व है. वैसे न सिर्फ हिन्दू बल्कि दूसरे धर्म को मानने वाले लोग भी होली की मस्ती में डूब जाते हैं और जमकर इस त्योहार का जश्न मनाते हैं. उत्साह, उमंग और उल्लास के साथ भाईचारे के रंग बिखेरने वाला यह पर्व भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के त्योहार होली से एक दिन पहले जगह-जगह होलिका का दहन किया जाता है और रंग गुलाल उड़ाकर खुशियां बांटी जाती हैं. होलिका दहन के अगले दिन हर गली-मोहल्ले में रंगों का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. यह त्योहार बताता है कि बुराई कितनी भी ताकतवर क्यों न हो वो अच्छाई के सामने टिक ही नहीं सकती.
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क्यों मनाई जाती है होली?
होली मनाए जाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है. इस कथा के मुताबिक, प्राचीन काल में अत्याचारी राक्षसों के राजा हिरण्यकश्यप ने तपस्या करके ब्रह्मा से वरदान पा लिया कि संसार का कोई भी जीव-जन्तु, देवी-देवता, राक्षस या मनुष्य उसे न मार सके. न ही वह रात में मरे, न दिन में, न पृथ्वी पर, न आकाश में, न घर में, न बाहर. यहां तक कि कोई शस्त्र भी उसे न मार पाए. ऐसा वरदान पाकर वह अत्यंत निरंकुश बन बैठा. हिरण्यकश्यप के एक बेटा हुआ, जिसका नाम उसने प्रह्लाद रखा. प्रह्लाद अपने पिता के विपरीत परमात्मा में अटूट विश्वास करने वाला था. प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था और उस पर भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि थी.
हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को आदेश दिया कि वह उसके अतिरिक्त किसी अन्य की स्तुति न करे. प्रह्लाद के न मानने पर हिरण्यकश्यप उसे जान से मारने पर उतारू हो गया. उसने प्रह्लाद को मारने के अनेक उपाय किए लेकिन व प्रभु-कृपा से बचता रहा. हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्नि से बचने का वरदान था. हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लादद को आग में जलाकर मारने षड्यंत्र रचा.
होलिका बालक प्रह्लाद को गोद में उठाकर धूं-धू करती आग में जा बैठी. प्रभु-कृपा से प्रह्लाद को आंच भी नहीं आई और होलिका जल कर वहीं भस्म हो गई. इस प्रकार प्रह्लाद को मारने के प्रयास में होलिका की मृत्यु हो गई. इसके बाद हिरण्यकश्यप को मारने के लिए भगवान विष्णु नरंसिंह अवतार में खंभे से निकल कर गोधूली समय अवतरित हुए. उन्होंने दरवाजे की चौखट पर बैठकर अत्याचारी हिरण्यकश्यप को मार डाला. कहते हैं कि तभी से होली का त्योहार मनाया जाने लगा.
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