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This Article is From Mar 06, 2024

ना ऐसा जासूस देखा होगा और ना ही उसका साथी, दूरदर्शन के इस डिटेक्टिव सीरियल की अजब-गजब जोड़ी का पूरे हफ्ते रहता था इंतजार

दूरदर्शन के दौर में एक डिटेक्टिव सीरियल आया करता था. जिसमें एक डिटेक्टिव और उसका गजब का असिस्टेंट नजर आते थे. इस सीरियल की लोकप्रियता कमाल की थी और इनकी दोस्त बहुत ही गजब. याद है आपको इस शो का नाम.

ना ऐसा जासूस देखा होगा और ना ही उसका साथी, दूरदर्शन के इस डिटेक्टिव सीरियल की अजब-गजब जोड़ी का पूरे हफ्ते रहता था इंतजार
डिटेक्टिव और उसका बंदर असिस्टेंट, याद है इस अजब-गजब सीरियल का नाम
नई दिल्ली:

1990 के दशक में दूरदर्शन पर कई टीवी शो आते थे जिन्हें देखकर लोगों का मनोरंजन होता था. दूरदर्शन के इन सीरियल्स का फैंस को बेसब्री से इंतजार रहता था. दूरदर्शन पर कई क्राइम बेस्ड और डिटेक्टिव शो आते थे.  इसमें डिटेक्टिव करण, सुराग और सीआईडी जैसे कई शो शामिल हैं. इन्हीं में से एक शो राजा और रैंचो भी हैं. राजा और रैंचो की जोड़ी मिलकर कई केस यूं चुटकियों में सुलझा लेती थी. राजा और रैंचो शो 1997 में दूरदर्शन पर शुरू हुआ था. इस शो में राजा नाम का एक डिटेक्टिव था और उसके साथ उसका बंदर रैंचो रहता था. इन दोनों की जोड़ी मिलकर क्राइम केस को सॉल्व करती थी. राजा का किरदार वेद थापर करते थे. (राजा और रैंचो देखने के लिए यहां क्लिक करें)

दूरदर्शन का सीरियल है राजा और रैंचो

दूरदर्शन के डिटेक्टिव शो राजा और रैंचो की बात करें तो ये शो हफ्ते में एक बार आता था. इस शो को देखते हुए लोग मनोरंजन की एक अलग ही दुनिया में चले जाते थे. इस शो को देखने के लिए लोग अपना काम-काज भी छोड़ देते थे. राजा और रैंचो की दोस्ती और उनकी पार्टनरशिप कमाल की थी. वह किस तरह मजे-मजे में केस सॉल्व केस कर देते थे वह इस शो को खास बनाता था. इस शो को मुरली नालप्पा और राज वाघधरे ने डायरेक्ट किया था. ये शो 1997-1998 के बीच डीडी मेट्रो पर आया और इसके लगभग 179 एपिसोड एयर हुए.

बंदर और डिटेक्टिव की दोस्ती

राजा और रैंचो में राजा का किरदार निभाने वाले वेद ने टीवी शो के अलावा कई फिल्मों में काम भी किया है लेकिन उन्हें इन फिल्मों से शोहरत नहीं मिली. वेद ने सौदागर, लज्जा जैसी फिल्मों में काम किया था लेकिन वो अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब नहीं हो पाए. राजा का किरदार निभाने वाले वेद अब इंडस्ट्री को अलविदा कह चुके हैं. वो एक एनजीओ चलाते हैं. वो एक हम आवाज नाम की संस्था के प्रेसिडेंट भी हैं. इसके साथ ही वो एक डॉक्टर भी हैं. वेद ने मुंबई में अपना एक क्लीनिक खोला है. जहां वो आयुर्वेदिक दवाइयों की प्रैक्टिस करते हैं. साथ ही लोगों का इलाज भी करते हैं.

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