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This Article is From Jan 07, 2019

दूरदर्शन के एक शो ने बदल दी मीनल वैष्णव की जिंदगी, 18 की उम्र में परिवार वाले कर देना चाहते थे शादी और फिर...

इंडिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला टीवी शो 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' का तीसरा सीजन शुरू होने जा रहा है. यह दूरदर्शन पर टेलीकास्ट होता है और मीनल वैष्णव इसमें लीड एक्ट्रेस हैं.

दूरदर्शन के एक शो ने बदल दी मीनल वैष्णव की जिंदगी, 18 की उम्र में परिवार वाले कर देना चाहते थे शादी और फिर...
मीनल वैष्णव (Meinal Vaishnav).
नई दिल्ली:

इंडिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला टीवी शो 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' का तीसरा सीजन शुरू होने जा रहा है. यह दूरदर्शन पर टेलीकास्ट होता है और मीनल वैष्णव इसमें लीड एक्ट्रेस हैं. महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों और समाज में पनप रही कुरीतियोंं को सच का आइना दिखाना इस शो का मकसद है. मीनल शो में डॉ स्नेहा माथुर का किरदार निभा रही हैं. 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' की ऐक्ट्रेस मीनल वैष्णव और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारी निदेशक पूनम मुतरेजा से हमने खास बातचीत की. इस दौरान दोनों ने अपने जीवन के हर पहलु पर खुलकर बात की. सामाजिक कुरीतियां और मीटू कैपेंन के अलावा आने वाले प्रोजेक्टस पर भी अपनी राय रखी.

 

मीनल वैष्णव से बातचीत के अंश...

1. आपको कब लगा कि ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं' सीरियल में काम करना एक सही डिसीजन था?

Ans- मुझे कुछ ऑडिशंस देने के बाद 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में डॉ. स्नेहा माथुर का रोल मिला. उस वक़्त मुझे लगा था कि यह भी बाकी टेलीविज़न सीरियल्स जैसा ही एक होगा. लेकिन जब 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' में काम करने के बाद हम देश के अलग अलग गावों में शूटिंग के लिए गए और वहां लोगों से मिले, तब उनकी हालत देखकर और उनकी कहानियां सुनकर पता चला की इस शो का उनकी ज़िन्दगी पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. तब पहली बार ऐसा लगा जैसे ज़िन्दगी में कुछ अच्छा किया है और किसी की ज़िन्दगी मेरी वजह से थोड़ी से बेहतर हो पा रही है. अनजाने ही सही पर ज़िन्दगी ने मुझे किसी एक बड़ी मुहीम का हिस्सा बना दिया है.

2. क्या आपके जीवन में कभी ऐसी परिस्थिति आई जिसके बारे में आप सोच कर बुरा महसूस करती हों?

Ans- हर इंसान के जीवन में ऐसी कई परिस्थितियां आती है जिसे सोचकर वह बुरा महसूस करता है. मेरे जीवन में भी ऐसा समय आया जब मैं 18 साल की थी और मेरे परिवारवाले मेरी शादी कर देना चाहते थे, पर मैं आगेपढ़ लिखकर काम करना चाहती थी. अपने सपने को पूरा करने के लिए बहुत सारी लड़ाइयां लड़ने के बाद, आखिर घरवालों को मेरी ज़िद के सामने घुटने टेकने पड़े. मैं मानती हूं की अपने परिवार वालों को दुःख पहुंचाना गलत होता है, लेकिन जब आप सही हो तब आपको किसी के बारे में नहीं सोचना चाहिए. जब हम सही काम करते है, तब सब को यह एहसास हो जाता है की क्या सही है और क्या गलत.

3. वर्तमान समय में इस समाज की कुरीतियों से लड़ने के लिए महिलाओं की क्या सोच होनी चाहिए?

Ans- वर्तमान समय में इस समाज की कुरीतियों से लड़ने के लिए महिलाओं को सबसे पहले यह समझना होगा की वे खुद दूसरी महिलाओं की दुश्मन न बने. हमे यह सोचना चाहिए की जिस दर्द से हम गुजरे है, उस दर्द सेकोई और न गुजरे. हम महिलाओं को अपनी काबिलियत पर भरोसा होना चाहिए – यह विश्वास होना चाहिए कि 'मैं कुछ भी कर सकती हूं'  – मैं अपनी ज़िन्दगी सुधार सकती हूं, अपने गांव की स्थिति सुधार सक्ती हूं – मैं देश को बदल सकती हूं. जिस दिन हम यह समझ जायेंगे की हमारी अपनी खूबियां है जो हमे बाकी सबसे अलग बनाती हैं, हम दूसरों से और अपने आप से प्यार करने लगेंगे जो की बहुत ज्यादा ज़रूरी है. इससे हम अपनेसाथ ही नहीं बल्कि दूसरों के साथ भी कभी गलत नहीं होने देंगे. इस तरह से दुनिया में गलत होना ही बंद हो जायेगा.

4. #MeToo कैंपेन में देश की बड़ी हस्तियों से लेकर आम जनता तक की महिलाओं ने पुरुषों द्वारा हो रहे शोषण को सबके सामने उजागर किया. आप इस बारे में क्या कहना चाहेंगी?

Ans- #MeToo से यह फायदा है की न सिर्फ फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि छोटे शहरों में भी अब लोगो अपनी किसी सहकर्मी को गलत मैसेज करने से पहले शायद दस बार सोचेंगे. मुझे लगता है की यह एक बहुत ही अच्छी बात है जिससे की महिलाओं को, बच्चों को और पुरुषों को एक बहुत ही सुरक्षित और सयंमित वातावरण में जीने और काम करने का मौका मिलेगा.

5. अपने आने वाले प्रोजेक्ट्स के बारे में बताए और प्रोजेक्ट्स के चुनाव में आप क्या देखती हैं?

Ans- हम 'मैं कुछ भी कर सकती हूं' का तीसरा सीजन शूट कर रहे है और बहुत ही जल्द यह धारावाहिक टीवी पर होगा. मुझे इस तरह का कोई दूसरा शो या तो मिला नहीं या मैं ढूंढ नहीं पायी जिससे किसीकी ज़िन्दगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़े. मैं सिर्फ सस्ता मनोरंजन नहीं करना चाहती हूँ. मैं मनोरंजन के साथ ही ज़िंदगियां बेहतर करने के लिए प्रेरणा भी देना चाहती हूँ. जिस दिन इसी तरह की कोई फिल्म या सीरियल में काम करने का मुझे मौका मिलेगा, मैं ज़रूर करुंगी.

6. क्या आप #MeToo का समर्थन करती हैं? अगर हां तो आपके साथ कभी किसी घटना के बारे में शेयर करना चाहेंगी?

Ans- मैं #MeToo का समर्थन करती हूँ. मुझे लगता है की सुरक्षित वातावरण में जीना और काम करना हर इंसान का हक़ है. इसलिए मैं #MeToo का समर्थन करती हूं. मेरे साथ कभी ऐसी कोई घटना नहीं हुई.


पूनम मुतरेजा से बातचीत के अंश...

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1. ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं' शो की इतनी बड़ी सफलता का श्रेय किसको देना चाहते हैं और क्यों?

Ans- इस उपक्रम में कई घटकों का अतुलनीय योगदान रहा है. लेकिन मैं 3 सबसे महत्वपूर्ण घटकों पर रौशनी डालना चाहूंगी-

-सबसे पहले में क्रिएटिव डायरेक्टर फिरोज अब्बाज खान और पूरी प्रोडक्शन टीम को पूरा श्रेय देना चाहूंगी. उनके व्दारा निर्मित यह कार्यक्रम मनोरंजन के साथ अलग अलग विषयों पर संदेश देने वाली एक शानदार श्रृंखला है जिसमें पारिवारीक योजना, लिंग चुनाव जैसे विषयों का समावेश है जिस पर आमतौर पर खुल कर चर्चा नहीं की जाती और व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए इसमे मनोरंजन के साथ साथ शिक्षा का भी समावेश किया गया है.

-इस कार्यक्रम की सफलता का दूसरा कारण है- इस श्रृंखला में मनोरंजन व शिक्षा पर दुनिया के पर्याप्त सबूत है जिससे सामाजिक मानदंड और स्वास्थ्य संबंधी व्यवहार बदलनें में सफलता मिली है. और हम बहुत ही भाग्यशाली है की हमें मनोरंजन व शिक्षा पर प्रसिद्ध वैश्विक विशेषज्ञ प्रोफेसर अरविंद सिंघल जी का मार्गदर्शन मिला है.

- मैं फिरोज जी और उनकी टीम को इसका पूरा श्रेय देना चाहती हूँ क्योंकी उनहोंने जगह जगह जाकर इस कार्यक्रम के लिए विविध समस्याओं और उनके हलों पर रिसर्च किया है. इसी रिसर्च की वजह से इस कार्यक्रम के किरदार और कहानियां इस हद तक सच लगते है.

2. शो के तीसरे सीजन में आप क्या नया करने वाले हैं?

Ans- ‘मैं कुछ भी कर सकती हूं' मनोरंजन पर ध्यान देते हुए, वास्तविक जीवन और सामाजिक गतिशीलता पर रिसर्च करता है. भले ही कथा काल्पनिक हो, सिरीज में हम जो समाधान दिखाते हैं, वे वास्तविक होते है. ऐसे लोगों की कहानियों पर आधारित होते हैं, जिन्होंने अपने जीवन में बदलाव किए हैं या पितृसत्ता, भेदभाव और पूर्वाग्रहों का सामना करते हुए अद्वितीय समाधान दिए हैं. यह सिरीज को असली जीवन और वास्तविकता का एहसास देता है. सीजन 3 में, हम भारत की युवा आबादी तक पहुंचना चाहते हैं. इसलिए, हमारे पास टेलीविज़न नाटक के साथ डिजिटल मीडिया पर बड़ा फोकस है. विश्व स्तर पर अपनी तरह के पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित चैटबॉट पर डॉ स्नेहा डिजिटल अवतार में दिखाई देंगी. वे सवालों के जवाब देंगी और दर्शकों के साथ जानकारी साझा करेंगी. अब हम डिजिटल स्पेस पर भी संदेश का विस्तार कर रहे हैं. कहानी पहले से कहीं अधिक मनोरंजक है और डॉ स्नेहा की यात्रा देश के चेहरे को बदलने (या इस नारे की तरह कि- देश का चेहरा बदल दूंगी) के लिए जारी है.

3. अन्य राज्यों में इस शो का क्या रिस्पांस है?

Ans- कार्यक्रम का उद्देश्य महिला अधिकारों, यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले मुद्दों, इन पर सामाजिक मानदंडों, दृष्टिकोणों और प्रथाओं को बताना और समाधान देना है. मैं चेंज के असली नायकों की कहानियों पर विचार करता हूं, जो हमारे कार्यक्रम की सफलता के वास्तविक हीरो है. मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के नयागांव गांव की एक लड़की अपने माता-पिता को कॉलेज भेजने और स्कूल के बाद शादी नहीं करने के लिए मना कर सकी, बिहार की एक युवा महिला अपने समुदाय में जल्दी-जल्दी बच्चा पैदा करने से मना कर के चैंपियन बन गई है, मध्यप्रदेश के एक गांव के एक पुरुष पत्नी को मारने की जगह परिवार नियोजन में पुरुष भागीदारी के चैंपियन बन गए. ऐसी कई और कहानियां हमारी धारणा को मजबूत करती हैं कि कार्यक्रम उन लोगों के साथ गहरा संबंध बनाता है, जो अंडरसर्व्ड है और जिन्हें चेंज एजेंट बनने के लिए शक्तिशाली कहानियों की आवश्यकता है.

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