कौन बनेगा करोड़पति 16 में बंटी वडिवा ने अपनी साधारण शुरुआत के बावजूद एक शानदार उपलब्धि हासिल की. केबीसी 16 के कंटेस्टेंट ₹1 करोड़ के सवाल तक पहुंच गए हैं. बंटी मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में स्थित असाड़ी गांव के आदिवासी समुदाय से आते हैं. वह बीसीए ग्रैजुएट हैं और फिलहाल मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के तहत ग्रेड 3 पद की तैयारी कर रहे हैं. एचटी के साथ एक खास बातचीत में बंटी ने अमिताभ बच्चन से मिलने के अपने एक्सपीरियंस, ज्ञान के प्रति अपने जुनून और एक रोल मॉडल बनने की आकांक्षाओं के बारे में बात की.
अपनी साधारण शुरुआत पर बंटी वडिवा
जब बंटी से बिना किसी सपोर्ट और गाइडेंस के ज्ञान और शिक्षा पाने करने के पीछे की उनकी इंस्पिरेशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता अच्छे से पढ़े-लिखे नहीं हैं. उन्होंने महसूस किया कि जो लोग काम कर रहे हैं उनकी लाइफ स्टाइल अलग है और वे इडिपेंडेट हैं. अगर परिवार का कोई व्यक्ति प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहा है तो यह आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद है. जब मेरी एजुकेश की बात आई तो मेरे माता-पिता ने कभी समझौता नहीं किया. उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया, क्योंकि मुझे गाइड करने वाला कोई नहीं था.
हमेशा केबीसी में शामिल होना चाहता था
रियलिटी गेम शो की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर और क्या उन्हें शुरुआत में कोई घबराहट हुई थी, बंटी कहते हैं, “मैं 2017 से कॉम्पिटीटिव एग्जाम की तैयारी कर रहा हूं और तब से मैं केबीसी का फैन भी हूं. मैं YouTube पर केबीसी के पुराने एपिसोड देखता था क्योंकि वे नए एपिसोड सीधे शेयर नहीं करते. इससे मुझे शो के मानदंडों और सवालों के बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने में मदद मिली. इससे दूसरे एग्जाम की तैयारी करते समय मेरा कॉन्फिडेंट भी बढ़ा.
"केबीसी में मेरे इंटरव्यू के दौरान, इंटरव्यूअर मेरे जवाबों से इंप्रेस हुए खासकर जब मैंने मेंशन किया कि मैं हॉटसीट पर आने वाला पहला आदिवासी कंटेस्टेंट बनना चाहता था. वे 2017 से मेरे सफर के बारे में जानकर भी इंप्रेस हुए. केबीसी में आना सम्मान और पहचान पाना मेरा सपना रहा है. मैं हमेशा से आने वाली पीढ़ियों के लिए रोल मॉडल बनना चाहता था. केबीसी की मदद से, मैं अपनी इच्छा से कहीं अधिक हासिल करने में सक्षम हुआ हूं."
अपने रोल मॉडल के बारे में पूछे जाने पर केबीसी 16 के कंटेस्टेंट ने गर्व से कहा, "मेरे रोल मॉडल हमेशा मेरे माता-पिता रहे हैं क्योंकि अगर उन्होंने मेरी शिक्षा का सपोर्ट नहीं किया होता तो मैं केबीसी के मंच पर नहीं होता. केबीसी मेरे लिए इंस्पिरेशन और सीखने का एक्सपीयंस भी रहा है."
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