जि़न्दगी ओरिजिनल बरज़ख (अंग्रेजी में लिम्बोलैंड) एक दिलचस्प फैंटसी ड्रामा है. इसका निर्देशन एवं लेखन आसिम अब्बासी ने किया है. एशियन एकेडमी क्रियेटिव अवार्ड्स 2024 में इसे राष्ट्रीय विजेता घोषित किया गया है और इसे बेस्ट ड्रामा सीरीज के लिये भी नॉमिनेट किया गया है. ग्रैण्ड फिनाले में इस शो का मुकाबला अपनी कैटेगरी की 13 दूसरे देशों की एंट्रीज़ से होगा. यह सीरीज हुंज़ा वैली की आकर्षक पृष्ठभूमि पर आधारित है. इसकी मार्मिक कहानी में 76 साल का एक आदमी अपने पहले प्यार की आत्मा से सगाई की घोषणा करता है. इस पर उसका विरक्त परिवार चौंक जाता है और फिर जज्बातों की जद्दोजहद का बवंडर उठता है. जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि यह यूट्यूब पाकिस्तान से हटा दिया गया और पाकिस्तान में बैन हैं. वहीं शो के निर्माताओं ने जनता की भावना के जवाब में अपनी मर्जी से यह फैसला लिया है. हालांकि भारत में यह ज़ी जि़न्दगी के यूट्यूब चैनल पर दिखाया जा रहा है.
शैलजा केजरीवाल और वक़ास हसन द्वारा निर्मित, बरजख में प्यार, किसी अपने को खोने और परिवारिक सम्बधों को बखूबी दिखाया गया है. अपनी दमदार कहानियों के साथ, यह सीरीज प्रतिभाशाली कलाकार भी लेकर आई है. इनमें फवाद खान और सनम सईद, मोहम्मद फवाद खान, सलमान शाहिद और खुशाल खान, आदि शामिल हैं। इन सभी के परफॉर्मेंस ने इस असाधारण कहानी को गहराई और प्रामाणिकता दी है.
निर्देशक एवं लेखक आसिम अब्बासी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह नॉमिनेशन पाना सचमुच एक सम्मान है. इससे प्रोजेक्ट में जुड़े हर इंसान की कड़ी मेहनत और जुनून का पता चलता है. शो को लिखना और निर्देशित करना सबसे स्वप्निल अनुभवों में से एक था. बेहतरीन कलाकारों और क्रू के समर्पण का मैं सचमुच आभारी हूँ, जिनकी अटूट प्रतिबद्धता ने ही इस कहानी में जान डाली। यह सम्मान सिर्फ उनके शानदार काम के लिये नहीं है, बल्कि उस रचनात्मक गठजोड़ के लिये भी है, जिसने बारज़ाख को संभव बनाया. इस मौके पर मैं हर उस इंसान को शुक्रिया कहना चाहता हूँ, जिसने हमारी सोच पर भरोसा किया और यह शो बनाने में हमारी मदद की.''
निर्माता शैलजा केजरीवाल ने अपना आभार जताते हुए कहा, ‘‘एशियन एकेडमी क्रियेटिव अवार्ड्स में बेस्ट सीरीज के लिये नॉमिनेट होना हमारी पूरी टीम के लिये काफी मायने रखने वाली एक उपलब्धि है. हम हर उस इंसान के बहुत आभारी हैं, जिसने हमें सहयोग दिया, खासकर दुनियाभर के दर्शक, जिन्होंने बरज़ख को इतना पसंद किया. यह कहानी परिवार, अपनों को खोने और उन भावनात्मक सम्बंधों के विषय को छूती है, जो हम सभी को जोड़ते हैं. ऐसे विषय सार्वभौमिक होते हैं और चाहे संस्कृति या भूगोल कुछ भी हो. अपने काम को इतने प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सम्मान पाते देखकर हमें बहुत गर्व महसूस हो रहा है.''
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं