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This Article is From Jan 25, 2022

नेशनल टूरिज्म डे पर अंकित बाथला, पवन सिंह और आसिफ शेख ने कराई दिल्ली की सैर, बताई अपनी फेवरेट जगह

पर्यटन को प्रमोट करने और उसे प्रोत्साहन देने के लिए हर साल 25 जनवरी को नेशनल टूरिज्म डे मनाया जाता है. इस खास मौके पर एंडटीवी के कलाकारों ने दिल्ली में अपने पसंदीदा स्थानों के बारे में बताया.

नेशनल टूरिज्म डे पर अंकित बाथला, पवन सिंह और आसिफ शेख ने कराई दिल्ली की सैर, बताई अपनी फेवरेट जगह
आसिफ शेख फोटो
नई दिल्ली:

पर्यटन को प्रमोट करने और उसे प्रोत्साहन देने के लिए हर साल 25 जनवरी को नेशनल टूरिज्म डे मनाया जाता है. इस बार नेशनल टूरिज्म डे के अवसर पर एंडटीवी के कलाकारों अंकित बाथला (घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की), पवन सिंह (और भई क्या चल रहा है) और आसिफ शेख (भाबीजी घर पर हैं) ने अपने होमटाउन दिल्ली में अपने पसंदीदा स्थानों और देखने लायक जगहों के बारे में बात की.

अंकित बाथला 

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एंडटीवी के ‘घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की‘ में सिद्धांत सिन्हा की भूमिका निभा रहे, अंकित बाथला ने दिल्ली में घूमने लायक सबसे बेहतरीन जगहों के बारे में बताया. अंकित कहते हैं, ‘‘दिलवालों की दिल्ली की मेरे दिल में एक खास जगह है, इसलिये जब भी कोई दिल्ली का जिक्र करता है तो मैं पुरानी यादों में खो जाता हूं. तेज गर्मी के दिन में एक हाथ में गोला लेकर इंडिया गेट के चारों ओर घूमने से लेकर सर्दियों की शाम को चांदनी चैक पर पराठे के आनंद में डूबने तक, दिल्ली मेरे खाने की पसंदीदा जगह है. दिल्ली के व्यंजन पर्यटन के प्रमुख आकर्षणों में से एक है, जिसकी वजह से शहर में बड़ी संख्या में लोग आते हैं. दिल्ली में मेरी पसंदीदा पुरानी यादों में इंडिया गेट के पास स्ट्रीट फूड का आनंद लेना है. वो दृश्य और खाना, क्या मेल है”

पवन कुमार सिंह 

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शहर के खूबसूरत स्मारकों के बारे में ‘और भई क्या चल रहा है' में जफर अली मिर्जा की भूमिका निभा रहे, पवन सिंह कहते हैं, ‘जब मैं दिल्ली शब्द सुनता हूं, तो मुझे सभी अद्भुत स्मारकों जैसे कुतुब मीनार, लाल किला, हुमायूं का मकबरा की याद आ जाती है. शहर में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की एक कभी न खत्म होने वाली लिस्ट है और शहरी जीवन की हलचल से डिटॉक्स होने के लिए कई पार्क हैं. नेहरू पार्क, खान-ए-खानन मकबरा और लोधी गार्डन मेरे पसंदीदा जगहें हैं”

आसिफ शेख

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शहर में हुए विकास पर गर्व करते हुए ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के आसिफ शेख ऊर्फ विभूति नारायण मिश्रा कहते हैं, ‘‘दिल्ली एक महानगर है, जहां देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लोग रह रहे हैं. इस शहर में हर त्यौहार का मनाया जाना ‘अनेकता में एकता‘ को बेहद खूबसूरती से दर्शाता है. ट्रैफिक और भागमभाग भरी जिंदगी के शोर के बीच, शहर के लगभग हर हिस्से में दिल्ली का एक समृद्ध अतीत है. एक गोल चक्कर के बीच में एक मध्ययुगीन गुंबद, एक केंद्रीय शॉपिंग हब के बगल में एक खगोलीय वैधशाला, भव्य औपनिवेशिक इमारतें, हरे-भरे बगीचों से घिरे खूबसूरत मकबरे और आवासीय कॉलोनियों के अंदर बसे खंडहर. दिल्ली के स्ट्रीट फूड जैसे छोले भटूरे, छोले कुलचे, आलू पराठा, केसरी कुल्फी रबड़ी, लस्सी को नहीं भूलना चाहिये. दिल्ली ऐतिहासिक स्थलों, शॉपिंग और खाने का मुख्य केंद्र है”.

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