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This Article is From Nov 16, 2022

जब सैफ अली खान के पिता की एक एक्सीडेंट में चली गई थी आंख की रौशनी, फिर खुद को क्रिकेट खेलने के लिए ऐसे किया था तैयार

Mansoor Ali Khan Pataudi: एक समय ऐसा भी आया जब मंसूर अली खान को लगा कि उनका क्रिकेटर करियर खत्म होने वाला है. लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और बुरे दौर से निकलकर वह फिर से क्रिकेट के मैदान पर लौटे थे.

जब सैफ अली खान के पिता की एक एक्सीडेंट में चली गई थी आंख की रौशनी, फिर खुद को क्रिकेट खेलने के लिए ऐसे किया था तैयार
जब सैफ अली खान के पिता की एक एक्सीडेंट में चली गई थी आंख की रौशनी
नई दिल्ली:

सैफ अली खान बॉलीवुड के मशहूर और शानदार अभिनेताओं में से एक हैं. उनके पिता मंसूर अली खान पटौदी भी भारत की मशहूर हस्तियों में से एक थे. मंसूर अली खान इंडियन क्रिकेट टीम के शानदार खिलाड़ी और पूर्व कप्तान रह चुके हैं. उन्होंने अपने शानदार खेल से खूब नाम कमाया था, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मंसूर अली खान को लगा कि उनका क्रिकेटर करियर खत्म होने वाला है. लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी और बुरे दौर से निकलकर वह फिर से क्रिकेट के मैदान पर लौटे थे. 

मंसूर अली खान पटौदी के संघर्ष की कहानी को बॉलीवुड के मेगास्टार अमिताभ बच्चन ने अपने क्विज शो केबीसी 14 में बताया है. उन्होंने बताया है कि कैसे एक एक्सीडेंट ने मंसूर अली खान की जिंदगी को पलटकर रख दिया था और फिर उन्होंने हिम्मत से काम किया और खुद को साबित करके दिखाया. सोनी टीवी चैनल ने केबीसी 14 से जुड़ा एक वीडियो प्रोमो जारी किया है. इसमें अमिताभ बच्चन मंसूर अली खान पटौदी के संघर्ष के बारे में बात करते हुए कहते हैं, 'कहते हैं कि किसी भी खेल को दिमाग के खेला जाता है. लेकिन दिमाग भी तो तभी खेल पाता है, जब खेल की बारिकियों को आंखें देख पाती हैं.'

बिग बी कहते हैं, मैं आज आपको ऐसे भारतीय क्रिकेटर के बारे में बताना चाहता हूं, जिन्होंने एक एक्सीडेंट में अपनी एक आंख को रौशनी लगभग पूरी तरह से खो दी थी. उन्हें गाड़ी चलाने, यहां तक की एक पानी का गिलास भरने में भी दिक्कत होती थी. इन कठानियों का सामना करते हुए उन्हें लगा कि शायद उनका क्रिकेट करियर खत्म है. लेकिन उन्होंने अपने हालातों को, खेल को और सबसे ज्यादा अपनी सोच को चैलेंज किया और खुद को इस काबिल बनाया कि दोबारा क्रिकेट खेल सकें.

अमिताभ बच्चन वीडियो में आगे कहते हैं, 'इसका परिणाम यह हुआ कि उस एक्सीडेंट से केवल 6 महीने बाद वह अपने समय के भारत के सबसे यंगेस्ट कप्तान बनाए. और उनके नेतृत्व में भारत ने विदेशी जमीन पर पहली बार एक सीरीज पर विजय प्राप्त की. उन क्रिकेटर का नाम मंसूर अली खान पटौदी था. उन्होंने दुनिया को यह बता दिया कि अगर आप अपनी मन की आंखों से अपने लक्ष्य को देखते हैं कि दुनिया की कोई भी ताकत आपको अपने लक्ष्य से दूर नहीं कर सकती.' केबीसी 14 से जुड़ा यह वीडियो प्रोमो तेजी से वायरल हो रहा है. 

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