नेट न्यूट्रैलिटी का मुद्दा पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चा में है। आइए जानते हैं कि आखिर यह है क्या और क्यों लोग इसके पक्ष में लगातार आवाज उठा रहे हैं।
नेट न्यूट्रैलिटी क्या है?
- सभी वेबसाइट्स और ऐप को बराबरी का दर्जा दिया जाता है।
- प्रत्येक यूजर की किसी भी वेब-बेस्ड सर्विस तक पहुंच बनी रहती है।
- कोई भी वेबसाइट या ऐप ब्लॉक नहीं होता।
- हर वेबसाइट के लिए एक समान स्पीड मिलती है।
- इसके तहत विकल्प असीमित रहेंगे, बिल नियंत्रण में रहेगा।
यदि नेट न्यूट्रैलिटी ख़त्म हुई तो?
- अलग-अलग वेबसाइट के लिए अलग-अलग स्पीड मिलेगी।
- टेलीकॉम कंपनी से जुड़े ऐप और वेबसाइट ही फ्री होंगे।
- जिन ऐप, वेबसाइटों के साथ करार नहीं, उनके लिए अतिरिक्त पैसे देने होंगे।
- अच्छी स्पीड के लिए भी अलग से भुगतान करना होगा।
- ग्राहकों का फोन बिल बढ़ेगा।