भोपाल के अस्पताल में आग, सरकार ने तीन डॉक्टरों और एक अधिकारी पर कार्रवाई की

भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में आग से बच्चों की मौत के आंकड़े अलग-अलग, सरकार ने कहा चार, अस्पताल ने कहा 12 और कांग्रेस ने कहा 14 मौतें

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में आग लगने से बच्चों की मौत हो गई.
भोपाल:

भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल में सोमवार को लगी आग के बाद भी जिम्मेदारों की लापरवाही थम नहीं रही है, कोई बच्चे को ढूंढ रहा है तो किसी परिजन को किसी और बच्चे का शव थमा दिया गया है. मौत के आंकड़ों को लेकर भी सरकार-अस्पताल प्रबंधन और परिजन अलग-अलग आरोप लगा रहे हैं. इस बीच सरकार ने तीन डॉक्टरों और एक अधिकारी पर कार्रवाई की है, उन्हें निलंबित कर दिया गया है.

सोमवार को कमला नेहरू अस्पताल में आग लगी, बच्चों के शव बाहर आने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा. सरकार फिर कह रही है कि आग लगने से चार बच्चों की ही मौत हुई. लेकिन अस्पताल के अनुसार 12 बच्चों की मौत हुई और कांग्रेस 14 बच्चों की मौत बता रही है. और परिजन कई बच्चों की मौत होने की बात कह रहे हैं.

कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने कहा कि इन बच्चों की लिस्ट में एक-एक बच्चे का हिसाब मांगा, जिसमें स्वीकार किया गया कि 14 बच्चों की मौत हुई, लिखकर दिया. मंत्री ने लिखकर दिया चार मौत का... वॉर्ड काला हो गया. उसमें कहते हैं नेचुरल डेथ... अपने आप में बताता है कि पापी लोग बचाना चाहते हैं.

एक बच्चे के पिता शैलेन्द्र ने कहा कि कई बच्चे हैं, सब जले हैं. हम लोग बोल रहे हैं तो भगा रहे हैं. हीटर में आग लगी है.

वहीं मुख्यमंत्री ने मामले में आपात बैठक बुलाई जिसके बाद हमीदिया अस्पताल के डीन सहित चार लोगों को सस्पेंड कर दिया गया. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने जैसा कहा था किसी जिम्मेदार को बख्शा नहीं जाएगा. हम गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जितेन्द्र शुक्ला और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक लोकेंद्र दवे को उनके पद से हटा रहे हैं. गैस राहत विभाग संचालक केके दुबे को भी पद से हटाया. सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदौरिया को निलंबित किया. येह सब कार्रवाई तुरंत प्रभाव से हुई है.

भोपाल : आग से चार बच्चों की मौत, अस्पताल ने 15 साल से नहीं ली थी फयर एनओसी

बहरहाल अस्पताल वैसा ही है, हर तरफ गंदगी का अंबार. सरकार ने अब तय किया है कि सारे सरकारी अस्पतालों के लिए खुद का सिविल विंग बनाएंगे. नई ऑक्सीजन लाइन के मद्देनजर सुरक्षा की फिर से समीक्षा की जाएगी.

Advertisement

मौत के आंकड़े चार हैं या 14 ये तो सरकार को ही मालूम है, मुख्यमंत्री अब ऑडिट की बात कह रहे हैं, एक्सपर्ट को लाने की बात कह रहे हैं, लेकिन सरकार 15 साल से तो आप ही कुर्सी पर विराजे हैं तो ऑडिट की खामियों और बच्चों की मौत का दोषी क्या सिर्फ अस्पताल प्रबंधन है?

Featured Video Of The Day
Top News: Delhi Rain | Noida Farmers Protest | Rajasthan Rain | Bihar News | IND Vs ENG 5th Test
Topics mentioned in this article