मध्य प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी को पांच दिनों के भीतर हाईकोर्ट से दोहरा झटका लगा है. बीजेपी के दो विधायक पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार जजपाल सिंह जज्जी की विधायकी जा सकती है. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अशोकनगर के बीजेपी विधायक जजपाल सिंह जज्जी के अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया है. उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने को लेकर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश पुलिस को दिए हैं. साथ ही जज्जी पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को भी जज्जी की सदस्यता खत्म करने को कहा है. जज्जी को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का समर्थक माना जाता है.
यह चुनाव याचिका 2018 के विधानसभा चुनाव में जज्जी से हारे बीजेपी नेता लड्डूराम कोरी ने लगाई थी. जज्जी के जाति प्रमाण पत्र को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कोरी का आरोप था कि पंजाब में कीर जाति को अनुसूचित जाति का आरक्षण मिलता है, लेकिन मध्य प्रदेश में इस जाति को अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले आरक्षण का लाभ नहीं मिलता है.
बीजेपी के विधायक जजपाल सिंह ने यही अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र उपचुनाव में भी लगाया था. चुनाव आयोग के अधिवक्ता संगम जैन ने लड्डूराम कोरी की याचिका के साथ जज्जी के जाति प्रमाण पत्रों को भी सुनवाई के दौरान संलग्न किया था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने वाले जज्जी का चुनाव अब खुद-ब-खुद शून्य हो गया है.
उमा भारती के भतीजे की गई विधायकी
इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता उमा भारती (Uma Bharti) के भतीजे राहुल लोधी (Rahul Singh Lodhi) की विधायकी छिन गयी है. हाईकोर्ट ने टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा से बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी का निर्वाचन शून्य करने का आदेश दिया है. विधायक के खिलाफ पराजित प्रत्याशी चंदा सिंह गौर ने याचिका में आरोप लगाया था कि राहुल लोधी पर सरकार से अनुबंधित एक निजी ठेका कंपनी से पार्टनरशिप है. इसकी जानकारी उन्होंने छुपाई है. हाईकोर्ट में चंदा सिंह गौर की याचिका पर फैसला सुनाते हुए राहुल सिंह लोधी को मिल रहे विधायक संबंधी लाभ रोकने का आदेश दिया है.
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