महाराष्ट्र में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहे हैं. रविवार को शरद पवार (Sharad Pawar) की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में बगावत के बाद उनके भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) अपने समर्थक विधायकों के साथ एनडीए सरकार में शामिल हो गए. उन्होंने डिप्टी सीएम पद की शपथ भी ले ली. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने अजित पवार के शपथ समारोह में भाग लेने के लिए तीन नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है. एनसीपी की कार्रवाई को उन लोगों के लिए एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जिन्होंने बागी अजित पवार का समर्थन किया था.
एनसीपी से निष्कासित नेताओं में मुंबई मंडल के प्रमुख नरेंद्र राठौड़, अकोला शहर जिला प्रमुख विजय देशमुख और राज्य मंत्री शिवाजीराव गर्जे शामिल हैं. ये तीनों अजित पवार के शपथ समारोह में शामिल हुए थे.
हम नई शुरुआत करेंगे-शरद पवार
इस बीच शरद पवार सोमवार को गुरु पूर्णिमा के दिन सातारा के कराड में अपने गुरु पूर्व सीएम यशवंत राव चाव्हाण की समाधि पर पहुंचे और श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भाजपा देशभर में चुनी हुई सरकारों को गिरा रही है. महाराष्ट्र में भी ऐसा ही हुआ है. महाराष्ट्र की जनता को एकजुट होकर अपनी ताकत दिखानी होगी. उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में जातिवाद की राजनीति नहीं चलेगी. हमारे कुछ लोग बीजेपी का शिकार हो गए. बड़ों के आशीर्वाद के साथ हम नई शुरुआत करेंगे.'
एनसीपी ने चुनाव आयोग को लिखी चिट्ठी
वहीं, अजित पवार और 8 अन्य विधायकों के बगावत के बाद एनसीपी ने सभी बागियों को अयोग्य करार देने के लिए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर और चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि पार्टी की कमान शरद पवार के पास है. शरद ने 1999 में पार्टी की स्थापना की थी. अजित की पार्टी पर दावे से जुड़ी कोई भी अपील पर कार्रवाई करने से पहले उनके पक्ष को भी सुनें.
एनडीए सरकार में शामिल होने का फैसला बिल्कुल सही- अजित पवार
अजित पवार ने महाराष्ट्र में एनडीए सरकार में शामिल होने के अपनी पार्टी के फैसले को सही ठहराया और इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने प्रगति की है. उन्होंने बताया कि यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि वे भारतीय जनता पार्टी के साथ आगामी चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं. उन्होंने कहा, "देश पीएम मोदी के नेतृत्व में प्रगति कर रहा है, वह अन्य देशों में भी लोकप्रिय हैं. हर कोई उनका समर्थन करता है और उनके नेतृत्व की सराहना करता है. हम आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव उनके (भाजपा) साथ लड़ेंगे, यही वजह है कि हमने यह निर्णय लिया."
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