
World Environment Day 2025: पर्यावरण है तो हम हैं और अगर पर्यावरण सुरक्षित नहीं होगा तो हम भी चैन की सांस नहीं ले पाएंगे. पर्यावरण के इसी महत्व से सभी को अवगत कराने के लिए हर साल 5 जून के दिन विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाना और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कराना है. सरकारें चाहे जितनी भी कोशिश कर लें लेकिन अगर लोग अपने स्तर पर पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाएंगे तो पर्यावरण संरक्षण नहीं हो पाएगा. सरकार कूड़ा हटा सकती है लेकिन कूड़ा फैलाने वाले जबतक नहीं रुकेंगे तबतक कूड़े का ढेर लगता रहेगा. पानी की खपत, बिजली का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल, प्लास्टिक का इस्तेमाल, पेड़ों की कटाई और प्रदूषण (Pollution) पर्यावरण को क्षति पहुंचाते हैं. ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक को पर्यावरण संरक्षण का महत्व पता होना जरूरी है जिससे धरती को साफ रखा जा सके, सुरक्षित रखा जा सके.
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम | World Environment Day 2025 Theme
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम है 'प्लास्टिक प्रदूषण को हटाना'. प्लास्टिक (Plastic) पर्यावरण के लिए सबसे खतरनाक चीजों में से एक है. वर्तमान में शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो घर या बाहर प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करता होगा. प्लास्टिक ऐसा मटीरियल है जो सालोंसाल तक खत्म नहीं होता है जिस चलते पर्यावरण को इससे अत्यधिक नुकसान होता है. यह जमीन पर हो तो धरती पानी को नहीं सोख पाती और अगर समुद्र में डाली जाए तो जलीय जीवों के लिए खतरा बन जाती है. ऐसे में इस साल की थीम प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने और प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए चुनी गई है.
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहासविश्व पर्यावरण दिवस के वैश्विक उत्सव का नेतृत्व यूनाइटेड नेशंस एन्वायरमेंट प्रोग्राम (UNEP) द्वारा किया जाता है. 5 जून को 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी. यह घोषणा मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के उद्घाटन के दिन की गई थी. इसके अगले साल ही 1973 में पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था. इसके बाद से ही हर साल इस दिन को सेलिब्रेट किया जाता है. स्कूल, कॉलेज, शैक्षिक संस्थान और पर्यावरण से जुड़ी संस्थाएं इस दिन सफाई अभियान चलाती हैं, वृक्षारोपण करती हैं, प्रतियोगिताओं का आयोजन करती हैं और सभी को पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझाती हैं.
किस तरह करें पर्यावरण की रक्षा- अपने स्तर पर कुछ आदतें (Habits) अपनाकर पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है. सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल से बचें.
- अपने घर के आंगन या बाल्कनी में पौधे लगाएं.
- पोछे के पानी को फेंकने के बजाय बाथरूम की सफाई या पौधों में डालने के लिए इस्तेमाल करें.
- जरूरत से ज्यादा कपड़े ना खरीदें और कपड़ों को कूड़े में फेंकने की जगह जरूरतमंदों को पहनने के लिए दें.
- प्लास्टिक बैग्स की जगह पर जूट के बैग्स या पेपर बैग्स का इस्तेमाल करें.
- जब जरूरत ना हो तो बिजली के उपकरणों को बंद रखें.
- यहां-वहां कूड़ा ना फैलाएं बल्कि कूड़ेदान में ही डालें.
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