Day Against Child Labour 2020: बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं. केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया का भविष्य बच्चे ही हैं. लेकिन आज के इस वक्त में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जो स्कूल जानें या फिर खेलने की जगह, काम करने को मजबूर हैं ताकि दो वक्त की रोटी खा सकें. बच्चों का इस तरह से काम करना एक चिंता का विषय है. स्कूल जानें और खेलने कूदने की उम्र में बहुत से बच्चे दो वक्त की रोटी के लिए काम करने को मजबूर हैं. इसी वजह से हर साल 12 जून को बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस (World Day Against Child Labour 2020) मनाया जाता है.
दुनियाभर में ऐसे बहुत से बच्चे हैं जिनसे बहुत तरह का काम कराया जाता है. 5 साल की उम्र से ही कई बच्चे ऐसे कामों में लग जाते हैं जो उनकी सेहत और विकास के लिए काफी हानिकारक होते हैं. इस तरह से काम करने वाले बच्चों को बाल मजदूर कहा जाता है क्योंकि वो इन कामों के लिए काफी छोटे होते हैं और इससे उनके मानसिक और सामाजिक विकास पर प्रभाव पड़ता है. इसी वजह से बाल मजदूरी के खिलाफ एक आंदोलन की शुरुआत की गई थी.
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस का इतिहास (World Day Against Child Labour History)
5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे ऐसे काम में लगे हुए हैं जो उन्हें सामान्य बचपन से वंचित करते हैं, जैसे कि पर्याप्त शिक्षा, उचित स्वास्थ्य देखभाल, अवकाश का समय या बस बुनियादी स्वतंत्रता. 2002 में, संयुक्त राष्ट्र की संस्था जो काम की दुनिया को नियंत्रित करती है, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) ने इसी वजह से वर्ल्ड डे अगेंस्ट चाइल्ड लेबर लॉन्च किया.
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस का महत्व (World Day Against Child Labour Importance)
12 जून को बाल श्रम की समस्या के खिलाफ विश्व दिवस के रूप में चिह्नित किया गया है और बाल श्रम की समस्या पर ध्यान दिया गया है ताकि इसे मिटाने या इसके खिलाफ लड़ने के तरीके खोजे जा सकें. बच्चों को जबरन श्रम में धकेल दिया जाता है, मादक पदार्थों की तस्करी और वेश्यावृत्ति जैसी अवैध गतिविधियों के लिए बच्चों को मजबूर किया जाता है. इस वजह से लोगों को बाल श्रम की समस्या के बारे में जागरूक करने और उनकी मदद करने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है.
बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस 2020 की थीम (World Day Against Child Labour Theme 2020)
इस साल बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस की थीम ''बच्चों को कोविड-19 महामारी'' (Protect Children in COVID-19 Times) के दौरान बचाना है. कोविड-19 महामारी के फैलने के कारण कई देशों में लॉकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई. इससे कई लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई और इस वजह से कई बच्चों की जिंदगी भी प्रभावित हुई है. ऐसी स्थिति में बहुत से बच्चों को बाल श्रम की ओर धखेला जा सकता है. इस वजह से बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस 2020 की थीम ''कोरोनावायरस के दौर में बच्चों को बचाना'' है.
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