अगर आप अस्थमा से पीडि़त हैं तो धूल से बचें.
नई दिल्ली:
वर्ल्ड अस्थमा डे हर साल मई महीने के पहले मंगलवार को पूरे विश्व में मनाया जाता है. अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसके पीडि़तों को पूरी उम्र कई तरह की सावधानियां बरतनी पड़ती हैं. मौसम के बदलते ही अस्थमा के मरीज़ों की तबियत बिगड़ने लगती है. इस साल वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम है-अस्थमा: बेहतर वायु, बेहतर सांस. इस दिन को मनाने का मुख्य लक्ष्य लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करना है. 1998 में पहली बार बार्सिलोना, स्पेन सहित 35 देशों में विश्व अस्थमा दिवस मनाया गया था.
ये हैं लक्षण
अस्थमा के रोगियों को कफ आना, घरघराहट, सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अस्थमा से पीडि़ता लोगों की एयरवेज सिकुड़ जाती है. अस्थमा की वजह से फेफड़ों में सूजन भी आ जाती है. यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है.
अगर आपको अक्सर खांसी या जुकाम रहता है तो ये अस्थमा का लक्षण हो सकता है. इसके अलावा अगर आपको सीने में जकड़न, नाक बंद या फिर सीने में दर्द की शिकायत है, तो भी आप अस्थमा से पीडि़त हो सकते हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने अंदर दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें.
ध्यान रखें ये बातें
अगर आप अस्थमा से पीडि़त हैं तो धूल से बचें और धूल -कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है.
जिन जानवरों के अधिक बाल होते हैं, जैसे कुत्ते, बिल्ली आदि से दूर रहें.
नियमित रूप से सुबह की सैर करें.
कुछ घरेलू उपाय जो हैं आपके लिए फायदेमंद
सरसों: सरसों के तेल को गर्म कर लें. अब इसे कपूर से मिला लें. इसके बाद इसे अपनी छाती पर रोजाना मलें, फायदा होगा.
शहद: एक चम्मच शहद और 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर को मिला लें. इसे सोने से पहले पानी के साथ लें.
अदरक: गुणों से भरपूर अदरक का रस निकाल लें. अब इसमें शहद और पानी मिलकार उबाल लें. इस रस को दिन में 2 बार पीएं.
अजवाइन: दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है. लौंग: 4-5 लौंग लें और 125 मिली पानी में 5 मिनट तक उबालें. इस मिश्रण को छानकर इसमें एक चम्मच शुद्ध शहद मिलाएं और गरम-गरम पी लें.
योग है जरूरी
योग यह ऐसी क्रिया है जिसका नियमित प्रयोग आपको कई बीमारियों से सुरक्षित रख सकता है. फिर चाहे ये बीमारी ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, नींद न आना, डायबिटीज़, अर्थराइटिस, माइग्रेन जैसी ही क्यों न हो. जी हां एक अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है कि दमा अस्थमा रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. प्राणायम, शवासान, बध्धाकोनासन योग आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
अस्थमा को नियंत्रित करने में सबसे बड़ी चुनौती दवा का अनियमित सेवन है. लोग अकसर लक्षण नजर न आने पर कुछ समय बाद ही इसकी दवा छोड़ देते हैं. लेकिन लक्षण न दिखने का मतलब यह नहीं है कि आप अस्थमा मुक्त हो गए हैं. इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं और इसलिए दवा छोड़ने से पहले चिकित्सक का परामर्श आवश्यक होता है.
ये हैं लक्षण
अस्थमा के रोगियों को कफ आना, घरघराहट, सीने में जकड़न, सांस लेने में परेशानी और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. अस्थमा से पीडि़ता लोगों की एयरवेज सिकुड़ जाती है. अस्थमा की वजह से फेफड़ों में सूजन भी आ जाती है. यह बीमारी किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है.
अगर आपको अक्सर खांसी या जुकाम रहता है तो ये अस्थमा का लक्षण हो सकता है. इसके अलावा अगर आपको सीने में जकड़न, नाक बंद या फिर सीने में दर्द की शिकायत है, तो भी आप अस्थमा से पीडि़त हो सकते हैं. अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण अपने अंदर दिखाई देता है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें.
ध्यान रखें ये बातें
अगर आप अस्थमा से पीडि़त हैं तो धूल से बचें और धूल -कण अस्थमा से प्रभावित लोगों के लिए एक आम ट्रिगर है.
जिन जानवरों के अधिक बाल होते हैं, जैसे कुत्ते, बिल्ली आदि से दूर रहें.
नियमित रूप से सुबह की सैर करें.
कुछ घरेलू उपाय जो हैं आपके लिए फायदेमंद
सरसों: सरसों के तेल को गर्म कर लें. अब इसे कपूर से मिला लें. इसके बाद इसे अपनी छाती पर रोजाना मलें, फायदा होगा.
शहद: एक चम्मच शहद और 1/2 चम्मच दालचीनी पाउडर को मिला लें. इसे सोने से पहले पानी के साथ लें.
अदरक: गुणों से भरपूर अदरक का रस निकाल लें. अब इसमें शहद और पानी मिलकार उबाल लें. इस रस को दिन में 2 बार पीएं.
अजवाइन: दमा रोगी पानी में अजवाइन मिलाकर इसे उबालें और पानी से उठती भाप लें, यह घरेलू उपाय काफी फायदेमंद होता है.
योग है जरूरी
योग यह ऐसी क्रिया है जिसका नियमित प्रयोग आपको कई बीमारियों से सुरक्षित रख सकता है. फिर चाहे ये बीमारी ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन, नींद न आना, डायबिटीज़, अर्थराइटिस, माइग्रेन जैसी ही क्यों न हो. जी हां एक अध्ययन से यह जानकारी सामने आई है कि दमा अस्थमा रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है. प्राणायम, शवासान, बध्धाकोनासन योग आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
अस्थमा को नियंत्रित करने में सबसे बड़ी चुनौती दवा का अनियमित सेवन है. लोग अकसर लक्षण नजर न आने पर कुछ समय बाद ही इसकी दवा छोड़ देते हैं. लेकिन लक्षण न दिखने का मतलब यह नहीं है कि आप अस्थमा मुक्त हो गए हैं. इसके गंभीर परिणाम सामने आते हैं और इसलिए दवा छोड़ने से पहले चिकित्सक का परामर्श आवश्यक होता है.
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