केंद्र सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर पूरी तरह रोक नहीं लगाने का फैसला किया है. 'स्वच्छ भारत' हैंडल पर सरकार ने कहा, ''माननीय पीएम द्वारा 11 सितंबर 2019 को शुरू किया गया स्वछता ही सेवा कैंपेन सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाने के बारे में नहीं है, बल्कि इसके इस्तेमाल को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता लाकर जन-आंदोलन शुरू करना है'' सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) को लेकर सरकार के कैंपेन का असर दिखना शुरू हो गया है. दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) ने प्लास्टिक विरोधी अभियान को गति देते हुए टैगोर गार्डन फल एवं सब्जी बाजार को "पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार" घोषित कर दिया. वहीं, कई कंपनियां सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल की जगह दूसरा विकल्प तलाश रही हैं.
सरकार ने आज से सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर पाबंदी की ख़बरों को गलत बताया है।सरकार के मुताबिक पीएम @narendramodi ने जनांदोलन का आव्हान किया था जिसकी शुरुआत आज से हो रही है और पाबंदी की भ्रामक ख़बरें एक ऐतिहासिक आंदोलन शुरू कर रही देश की १३० करोड़ आबादी की लड़ाई के साथ न्याय नहीं करतीं
— Akhilesh Sharma अखिलेश शर्मा (@akhileshsharma1) October 2, 2019
बता दें कि सिंगल यूज प्लास्टिक में ऐसा केमिकल पाया जाता है जो पर्यावरण के साथ हमारे स्वास्थ के लिए भी बेहद हानिकारक है. प्लास्टिक कभी घुलती नहीं है और यह हजारों साल ऐसे ही पड़ी रहती है, जिसके कारण यह पानी ही नहीं बल्कि मिट्टी के लिए भी खतरनाक है.
क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक
वो प्लास्टिक जिसका इस्तेमाल सिर्फ एक बार किया जाता है उसे सिंगल यूज प्लास्टिक कहते हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में हम प्लास्टिक के कई प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं और उन्हें फेंक देते हैं ये प्रोडक्ट्स सिंगल यूज प्लास्टिक में आते हैं. सिंगल यूज प्लास्टिक को डिस्पोजेबल प्लास्टिक भी कहते हैं.
सिंगल यूज प्लास्टिक में आते हैं ये प्रोडक्ट्स
सिंगल यूज प्लास्टिक में कैरी बैग(50 माइक्रोन से कम), बिना बुना कैरी बैग, छोटी रैपिंग/पैकिंग फिल्म, फोम वाले कप प्याले, कटोरे, प्लेट, लेमिनेट किये गए बाउल और प्लेट, छोटे प्लास्टिक कप और कंटेनर (150 एमएल और 5 ग्राम से कम), प्लास्टिक स्टिक और इयर बड्स, गुब्बारे, झंडे और कैंडी, सिगरेट के बट्स, फैलाया हुआ पौलिस्ट्रिन, पेय पदार्थों के लिए छोटे प्लास्टिक पैकेट (200 एमएल से कम) और सड़क के किनारे बैनर (100 माइक्रोन से कम) शामिल है.
पहला प्लास्टिक मुक्त बाजार घोषित हुआ दिल्ली का टैगोर गार्डन फल और सब्जी बाजार
ई-कॉमर्स कंपनियां करती हैं सिंगल यूज प्लास्टिक का 40 फीसदी इस्तेमाल
भारत में ई-कॉमर्स कंपनियां सबसे ज्यादा सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल करती हैं. एक अनुमान के मुताबिक सालाना उपयोग होने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट्स में करीब 40 फीसदी प्लास्टिक की खपत ई-कॉमर्स सेक्टर में होती है.
किन देशों में बैन है प्लास्टिक
यूएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के इन देशों में प्लास्टिक पर बैन या नियंत्रण लगाया गया है.
-बांग्लादेश में सबसे पहले 2002 से पतले प्लास्टिक बैग बैन हैं.
- फ्रांस में प्लास्टिक पर आंशिक रूप से बैन है.
- ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर राज्यों में लाइटवेट प्लास्टिक पूरी तरह से बैन है.
- पापुआ न्यूगिनी में नॉन-बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक बैन है.
- हेती और कोस्टा रिका ने फोम बेस्ड प्लास्टिक के इस्तेमाल को नियंत्रित किया है. कोस्टा रिका का मकसद है कि वह साल 2021 तक ऐसा पहला देश बन जाए जहां फोम बेस्ड प्लास्टिक पूरी तरह से बैन होगा.
-कनाडा और अमेरिका के ज्यादातर शहरों में सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को नियंत्रित करने या बैन लगाने की ओर वृहद् स्तर पर काम किया जा रहा है.
-अफ्रीका में स्टायरोफोम प्रोडक्ट्स बैन है.
-चीन में बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक पर बैन है.
भारत के इन राज्यों में बैन है प्लास्टिक
हिमाचल प्रदेश: साल 2004 से ही यहां नॉन बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक के प्रोडक्शन, स्टोरेज, ब्रिक्री, वितरण और इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक है.
कर्नाटक: यहां साल 2016 से प्लास्टिक बैग के प्रोडक्शन और सेल बैन है.
पंजाब: यहां भी साल 2016 से सिंगल यूज प्लास्टिक कैरी बैग और कंटेनर के प्रोडक्शन, स्टॉकिंग, वितरण, सेल और स्टोरेज पर पाबंदी है.
हरियाणा: साल 2016 से प्लास्टिक के कैरी बैग के प्रोडक्शन, स्टॉकिंग, वितरण, और बिक्री पर बैन.
केरल: साल 2016 से प्लास्कि बैग पर बैन.
पश्विम बंगाल: प्लास्टिक बैग पर 2001 से बैन.
सिक्किम: प्लास्टिक और डिस्पोजेबल फोम बेस्ड प्लास्टिक प्रोडक्ट्स की बिक्री और इस्तेमाल पर 2016 से रोक.
नई दिल्ली: साल 2017 से डिस्पोजेबल प्लास्टिक पर बैन.
महाराष्ट्र: साल 2018 से प्लास्टिक बैग पर बैन.
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प्लास्टिक के प्रोडक्ट्स की जगह इन विकल्पों का करें इस्तेमाल
- पानी के बोतलों की जगह पर कॉपर, शीशा या धातु की बोतलों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- स्ट्रा का इस्तेमाल करना जरूरी नहीं है लेकिन फिर भी अगर आपको जरूरत है तो आप पेपर के बने स्ट्रॉ का प्रयोग कर सकते हैं.
- प्लास्टिक के कप की जगह पेपर से बने कप का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- सामान खरीदने के लिए घर से थैला लेकर जाएं, ध्यान रहे कि जूट या कागज की बनी थैली ही इस्तेमाल करें.
- प्लास्टिक की जगह आप स्टील और लकड़ी के चम्मच इस्तेमाल कर सकते हैं.
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