नासा के कई वैज्ञानिकों का मानना है कि हम एलियन्स को जल्द ही ढूंढ सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि नासा ने अगले 10 वर्षों में नाटकीय रूप से अलौकिक जीवन के संकेतों के लिए अपनी खोज को पूरा करने की योजना बनाई है. इसके लिए वैज्ञानिक प्राचीन मार्टियन रॉक में, बृहस्पति और शनि के चंद्रमाओं पर छिपे हुए महासागरों और वायुमंडल में मौजूद अन्य सितारों पर परीक्षण करेंगे.
2015 में नासा की पूर्व चीफ वैज्ञानिक एलेन स्टोफान ने कहा था कि उनका विश्वास है कि ''धरती के परे भी जिंदगी है और अगले 10 से 20 सालों में इसके सबूत मिल जाएंगे''. एलए टाइम्स से बात करते हुए उन्होंने कहा था, ''हम जानते हैं कि हमें कहां देखना है, हमें क्या देखना है और अधिकतर मामलों में हमारे पास टेकनॉलोजी भी है.''
हमारे सोलर सिस्टम और अंतरिक्ष में इस तरह से एलियन की जिंदगी को ट्रैक करने का प्लान बना रहा है नासा. बिजनेस इंसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्रोसाइंटिस्ट और नोबेल पुरस्कार विजेता डिडर क्यूलॉज ने कहा था, ''मैं यह मान नहीं सकता कि यूनिवर्स में केवल हम ही जिंदा लोग हैं. यहां बहुत सारे ग्रह हैं और बहुत सारे सितारे हैं और इनकी केमिस्ट्री यूनिवर्सल है. इस वजह से जिंदगी की केमिस्ट्री भी कहीं न कहीं होगी''.
मार्स ही सबसे नजदीक जगह है, जहां नासा एलियन के होने का पता लगा सकते हैं.
यह संभावना नहीं है कि मार्स पर अभी भी कोई जीवन पनप रहा है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि बहुत वक्त पहले वहां जिंदगी थी, जब वहां का वातावरण पृथ्वी जैसा था, जो वहां के सरफेस को गर्म रखता था, जिससे वो पानी को उसके तरल रूप में संभाल सकता था.