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This Article is From Sep 19, 2016

बच्‍चों के लिए बिना सोचे-समझें न करें टॉय सिलेक्‍शन

बच्‍चों के लिए बिना सोचे-समझें न करें टॉय सिलेक्‍शन
नयी दिल्‍ली: बच्‍चों को खिलौने बेहद पसंद होते हैं, उन्‍हें देखते ही उनके चेहरे के भाव उनकी खूशी को साफ तौर पर दर्शाने लग जाते हैं। इन खिलौनों से ही बच्‍चे काफी कुछ सिखते हैं मसलन कलर्स की पहचान, काऊंटिंग, टेबल और भी जाने क्‍या-क्‍या। लेकिन अकसर माता-पिता बिना सोचे समझे बच्‍चों के लिए खिलौने खरीदने लगते हैं, जिनका असर उनके मानसिक विकास पर पड़ता है। अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्‍चा एक्टिव हो और उसमें सीखने की क्षमता का निरंतर विकास हो, तो बच्‍चों के लिए खिलौनों का सिलेक्‍शन सोच-समझ कर करें।

अधिकतर एजुकेशनल टॉय ऐसे होते हैं जो बच्‍चों को एक एडल्‍ट के साथ बिना किसी सपोर्ट और कंडिशन के घुलना-मिलना सिखाते हैं। माता-पिता का अटेंशन पाने के लिए खिलौने ऑप्‍शन नहीं होने चाहिए।
 

बच्चों को ऐसे सुरक्षित, सस्ते खिलौने उपल्‍बध कराएं, जिनका विकासात्मक उपयोग हो। बच्‍चों के खिलौने ऐसे होने चाहिएं, जो उन्‍हें  विकास और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाले क्षेत्रों में सीखने और विकास को बढ़ावा देने वाले हों।
 

उन खिलौनों से बचना चाहिए, जो कल्पनाशक्ति का उपयोग करने से बच्चों को हतोत्साहित करते हैं। बच्‍चों को ऐसे खिलौने दें, जो जीवन की समस्‍याओं से उबारने में उनके सामाजिक, भावनात्मक और संज्ञानात्मक कौशल को विकसित करें।
 

यह जरूरी है कि आप ऐसे खिलौनों का सिलेक्‍शन करें, जो बच्‍चों को सोचने और समझने की ओर प्रेरित करें। ध्‍यान रहे इस तरह के खिलौने बहुत अधिक महंगे या ट्रेंडी नहीं होते।
 

अपने बच्‍चों के साथ ऐसी किताबें और मैगजीन शेयर करें, जिन्‍हें आप भी उनके साथ  पढ़ सकें।
 

कुछ खिलौने हिंसा या जातीय या लिंग भेद को बढ़ावा देने वाले होते हैं। ऐसे खिलौनों से अपने बच्‍चों को दूर रखें।
 

वीडियो और कंप्यूटर गेम का इस्‍तेमाल सीमित होना चाहिए। प्रतिदिन बच्‍चों का कुल स्क्रीन टाइम, जिसमें टीवी और कम्‍प्‍यूटर देखना भी शामिल है प्रतिदिन 1 से 2 घंटे से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए। 5 साल से छोटे बच्‍चों को टीवी और वीडियो गेम्‍स का इस्‍तेमाल तभी करने दें जब वह उनके लिए विकासात्मक रूप से उपयुक्त हों।
 

बच्‍चों को दिए गए खिलौने ऐसे होने चाहिए जो नुकीले न हो और बच्‍चों को नुकसान न पहुंचा सकें।
 

अगर आपका बच्‍चा छोटा है तो उन्‍हें ऐसे खिलौने न दें जिनके छोटे-छोटे पार्ट्स हों। आपका बच्‍चा इन खिलौनों को मुंह में ले सकता है, जिससे उसकी जान को खतरा हो सकता है।
 

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