 
                                            प्रतीकात्मक तस्वीर
                                                                                                                        
                                        
                                        
                                        कॉलेज के दिनों में हममें से कईयों को बिन बुलाए किसी की शादी में जाने या फिर किसी अनजान की बारात में घुसकर डांस करने की फैंटसी होती है. हो भी क्यों न भला. आखिर भारत में शादी इतनी ग्रैंड जो होती है. एक से बढ़कर एक पकवान, ड्रिंक्स, गाना-बजाना, सझे-धजे लोग और फेसबुक प्रोफाइल के लिए एक से बढ़कर एक बैकग्राउंड यहां मौजूद जो होते हैं.
लेकिन सोचने और सुनने में ऐसी चीज़ें जितनी मज़ेदार लगती हैं, असल में इन्हें अमली जामा पहनाना उतना आसान होता नहीं है. भले ही मौज-मस्ती के लिए हम ऐसा करने निकलते हैं, लेकिन दिमाग में कई बातें चलती रहती हैं...
यह काम बेहद खतरों से भरा है, पकड़े गए तो खूब धुनाई होगी. इज्जत की धज्जियां उड़ेंगी सो अलग. लेकिन अगर पकड़े नहीं गए तो! वैसे भी मेरा एक प्लेट खाना और दो-चार ग्लास ड्रिंक किसी को कितना गरीब बना देगा. कहीं मैं ओवरड्रेस्ड या अंडरड्रेस्ड तो नहीं? कहीं मेरे हाव-भाव से किसी को मुझपर शक तो नहीं होगा? आखिर अनजान लोगों की पार्टी में घुलना इतना मुश्किल क्यों है!
कहीं मैं ओवरड्रेस्ड या अंडरड्रेस्ड तो नहीं? कहीं मेरे हाव-भाव से किसी को मुझपर शक तो नहीं होगा? आखिर अनजान लोगों की पार्टी में घुलना इतना मुश्किल क्यों है!
 
डांस फ्लोर से सेफ कोई जगह नहीं. बस डांस में मशगूल एक मेहमान के ईर्द-गीर्द झूमते रहो, किसी को शक नहीं होगा कि मैं बिन बुलाई मेहमान हूं. वैसे भी नाचते-झूमते वक्त किसी को कहां दूसरे की शक्ल का ख्याल रहता है. वैसे भी एक अजनबी के साथ डांस करने से ज्यादा दिलचस्प भला और कुछ क्या हो सकता है.
मैं जिससे बात कर रहा हूं वो दूल्हे वालों की तरफ से है या दुल्हन वालों की तरफ से? वो जिस भी साइड से हो, मुझे उसके अपोजिट साइड का होने का दावा करना चाहिए. इससे वो मुझे पहचान नहीं पाएगा.
कहीं मैंने कुछ गलत हो नहीं बोल दिया, कहीं सामने वाले को मुझपर शक तो नहीं हो गया. मुझे टॉपिक बदल देना चाहिए, या सबसे बढ़िया रहेगा पार्टी से चुपचाप निकल जाना चाहिए.
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                                लेकिन सोचने और सुनने में ऐसी चीज़ें जितनी मज़ेदार लगती हैं, असल में इन्हें अमली जामा पहनाना उतना आसान होता नहीं है. भले ही मौज-मस्ती के लिए हम ऐसा करने निकलते हैं, लेकिन दिमाग में कई बातें चलती रहती हैं...
यह काम बेहद खतरों से भरा है, पकड़े गए तो खूब धुनाई होगी. इज्जत की धज्जियां उड़ेंगी सो अलग. लेकिन अगर पकड़े नहीं गए तो! वैसे भी मेरा एक प्लेट खाना और दो-चार ग्लास ड्रिंक किसी को कितना गरीब बना देगा.


डांस फ्लोर से सेफ कोई जगह नहीं. बस डांस में मशगूल एक मेहमान के ईर्द-गीर्द झूमते रहो, किसी को शक नहीं होगा कि मैं बिन बुलाई मेहमान हूं. वैसे भी नाचते-झूमते वक्त किसी को कहां दूसरे की शक्ल का ख्याल रहता है. वैसे भी एक अजनबी के साथ डांस करने से ज्यादा दिलचस्प भला और कुछ क्या हो सकता है.

मैं जिससे बात कर रहा हूं वो दूल्हे वालों की तरफ से है या दुल्हन वालों की तरफ से? वो जिस भी साइड से हो, मुझे उसके अपोजिट साइड का होने का दावा करना चाहिए. इससे वो मुझे पहचान नहीं पाएगा.

कहीं मैंने कुछ गलत हो नहीं बोल दिया, कहीं सामने वाले को मुझपर शक तो नहीं हो गया. मुझे टॉपिक बदल देना चाहिए, या सबसे बढ़िया रहेगा पार्टी से चुपचाप निकल जाना चाहिए.
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