थर्ड-हैंड स्‍मोकिंग भी है सेहत के लिए खतरनाक, नई रिसर्च में हुआ गंभीर खुलासा

सिगरेट के जलने से निकलने वाले धुएं के सतह कपड़े, बाल और फर्नीचर पर गिरते हैं और जब व्‍यक्ति उनके संपर्क में आता है तो उसे थर्ड हैंड स्‍मोकिंग (Third Hand Smoking) कहा जाता है.

थर्ड-हैंड स्‍मोकिंग भी है सेहत के लिए खतरनाक, नई रिसर्च में हुआ गंभीर खुलासा

एक नई रिसर्च में थर्ड हैंड स्‍मोकिंग से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है

नई दिल्‍ली:

सेकेंड हैंड धूम्रपान के खतरे जगजाहिर हैं. अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि थर्ड-हैंड धूम्रपान (THS) भी किसी व्यक्ति के श्वसन स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है, ऐसा जीन एक्सप्रेशन में बदलाव से हो सकता है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस हफ्ते के जामा नेटवर्क ओपन के हालिया एडिशन में इस रिसर्च को पब्‍लिश किया गया है. इससे पता चलता है कि थर्ड हैंड धूम्रपान (Third Hand Smoking) श्वसन तंत्र में इपीथिलियल कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है.

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THS का परिणाम धूम्रपान में श्वास छोड़ने और सिगरेट के जलने से निकलने वाले धुएं के सतह जैसे कपड़े, बाल और फर्नीचर पर गिरने की वजह से होता है.

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया रिवरसाइड (यूसीआर) के शोधकर्ताओं ने पाया कि 27 से 49 साल की उम्र वाली चार स्वस्थ धूम्रपान नहीं करने वाली महिलाओं के नेजल स्क्रेप्स को बिना किसी क्रम के स्वच्छ वायु के संपर्क में रखा गया और इसके बाद तीन घंटे के लिए टीएचएस के संपर्क में रखा गया. शोधकर्ताओं ने उनके राइबोन्यूक्लिक एसिड (आरएनए) के जीन एक्सप्रेशन में बदलाव की जांच के लिए उनका  RNA लिया.

अध्ययन के अनुसार, डेटा सेट में लगभग 10,000 जीनों में से कुल 382 जीनों में महत्वपूर्ण रूप से अधिक बदलाव और सात अन्य जीनों में कम बदलाव देखे गए.

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वहीं इससे पहले एक शोध में पता चला था कि  इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (ई-सिगरेट) में इस्तेमाल होने वाले मसाले (विशेष रूप से दालचीनी और मेंथॉल) हृदय संबंधी रोगों (सीवीडी) के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. अनुसंधान टीम ने एंडोथेलियल कोशिकाओं पर ई-तरल पदार्थों के प्रभाव की जांच की, जो रक्त वाहिकाओं के आंतरिक भाग को दर्शाती हैं.

अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी की पत्रिका में प्रकाशित हुए अध्ययन में यह बात सामने आई कि ई-तरल पदार्थ रक्त के संपर्क में आने के बाद एंडोथेलियल कोशिकाएं में डीएनए को क्षति पहुंचाता है और कोशिका को मारने वाले निहित अणुओं के प्रदर्शन में काफी वृद्धि करता है. इसके लिए ई-सिगरेट उपयोगकर्ताओं के रक्त के नमूने लिए गए. 

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शोधकर्ताओं ने कहा, निकोटीन न रहने के बाद भी मनपसंद स्वादों के लिए दालचीनी और मेंथॉल का इस्तेमाल किया जाता है जो बेहद हानिकारक है.