Hormonal Imbalance : सूजन, वजन बढ़ना, थकान, मूड में बदलाव और शरीर के तापमान में बढ़ोतरी महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षणों हैं. पीरियड्स में देरी या स्किप होना हार्मोन असंतुलन के कारण भी हो सकता है. ये असंतुलन आराम, फोकस, हेल्छ, वर्क परफॉर्मेंस और रिलेशन्स को प्रभावित कर सकते हैं. इसके अलावा और किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है महिलाओं को चलिए बताते हैं इस आर्टिकल में.
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महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के लक्षण- Symptoms of hormonal imbalance in women
थकान, बालों का झड़ना,अवसाद, मुंहासे, अनिद्रा, स्किन का ड्राई होना, सिर दर्द, मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा संबंधी समस्याएं हार्मोनल असंतुलन के लक्षण हो सकते हैं.
हार्मोनल असंतुलन की वजह से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
अनियमित पीरियड्स - अनियमित पीरियड्स यानी की पीसीओडी और पीसीओएस. दरअसल, जब महिलाओं के शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होता है तो यह प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं.
डायबिटीज -हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन होने पर टाइप 2 डायबिटीज बहुत ही आम है.
थायराइड - एक्सपर्ट के अनुसार थायराइड जैसी बीमारी भी हार्मोन्स के उतार-चढ़ाव की वजह से होती है.
प्रेग्नेंसी कंसीव न कर पाना - हार्मोनल असंतुलन होता की वजह से वह नेचुरल तरीके से मां नहीं बन पाती हैं.
हार्मोनल असंतुलन से बचाव के तरीके - Tips to Prevent Hormonal Imbalance
- शरीर को हाइड्रेट रखें.
- खानपान में प्रोटीन, कार्ब्स और विटामिन को शामिल करें
- डाइट में कैफीन की मात्रा को सीमित रखें.
- तनाव को कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन करें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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